कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुजय बंदयोपाध्याय ने शनिवार को एक विवाद के दौरान स्थानीय भाजपा नेता दीपक बाउरी को कथित रूप से गोली मारने की धमकी दी। हालांकि, टीएमसी उम्मीदवार ने इस आरोप का खंडन किया है। बाउरी ने मीडियाकर्मियों के समक्ष दावा किया कि भाजपा नेता ने जब इलाके के एक मतदान केंद्र पर जाम लगाने की तृणमूल कांग्रेस की कथित कोशिशों का विरोध किया, तब बंदयोपाध्याय ने गोली मारने की धमकी दी।
इस कथित विवाद का वीडियो वायरल होने के बाद बंदयोपाध्याय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने धमकी दी है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “इसके उलट, भाजपा के एससी-एसटी मोर्चा के स्थानीय नेता हमारी पार्टी के समर्थकों को पीटने और उन्हें अपंग करने की धमकी दे रहे थे।" भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी ने आरोपों की फुटेज के साथ टीएमसी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि वे इस विषय की जांच कर रहे हैं।
BJP ने चुनाव आयोग को सौंपी अपराधियों की लिस्ट
पश्चिम बंगाल में पहले चरण की वोटिंग के दौरान भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और कुछ अपराधियों की सूची सौंपी। भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी दी। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "हमने कुछ अपराधियों खासकर नंदीग्राम के अपराधियों की एक सूची भी चुनाव आयोग को दी है।"
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "6 सालों में यह पहला चुनाव है, जिसमें कम हिंसा हुई और लोगों ने निर्भीकता से मतदान किया। हम चुनाव आयोग को धन्यवाद और सलाह देने आए थे कि अगर लिस्टिड असामाजिक तत्वों को चुनाव से पहले गिरफ़्तार कर लिया गया तो दूसरे चरण में 10% मतदान केंद्रों पर भी हिंसा नहीं होगी।"
TMC समर्थकों पर हमले के आरोप भी लगे
भाजपा ने आरोप लगाया कि उसके नेता शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु पर कांठी में तृणमूल समर्थकों ने हमला किया और उनकी कार में तोड़फोड़ की गईं पार्टी ने आरोप लगाया कि इस हमले में सौमेंदु का चालक घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि इसी जिले के सालबोनी इलाके में तृणमूल समर्थकों ने माकपा उम्मीदवार सुशांत घोष से कथित तौर पर हाथापाई की और उनके वाहन पर पथराव किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही घोष सालबोनी बाजार पहुंचे तो कुछ तृणमूल समर्थकों ने उनका घेराव कर लिया और उनसे हाथापाई की। इसके बाद उन्होंने घोष की कार पर भी हमला किया। इलाके में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें बचाया और सुरक्षित निकाल कर ले गए। वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रहे घोष ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र पर हमला है। जंगल राज चल रहा है।’’
घटना की रिपोर्टिंग कर रहे कुछ पत्रकारों से भी हाथापाई की गई। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जिला प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी गई है। तृणमूल ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।