नई दिल्ली। 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का उत्साह पहले ही बढ़ा हुआ है और ऊपर से अब DMK ने भी 2019 में विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का समर्थन कर दिया है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि अन्य विपक्षी दलों का इसपर क्या कहना है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन हमने अपने देश के इतिहास से सीखा है कि केंद्र में वैकल्पिक सरकार बनाने वाले गठबंधन का गठन चुनावों के बाद ही हो पाता है। सीताराम येचुरी के बयान से यह साफ लग रहा है कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है।
DMK के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी में ‘‘फासीवादी ’’ नरेन्द्र मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है। स्टालिन की यह अपील द्रमुक की उसी परंपरा का हिस्सा है जब उनके पिता दिवंगत एम करूणानिधि ने नेतृत्व की कमान संभालने के लिए इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी को आमंत्रित किया था