चंडीगढ़। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से दिया अपना त्यागपत्र वापस ले लिया है। सिद्धू ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। हालांकि सिद्धू ने यह शर्त भी रख दी कि जब पंजाब सरकार के नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति होगी तो ही वे फिर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे।
नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति की शर्त रखकर सिद्धू ने साफ कर दिया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री और उनके बीच मसले अभी हल नहीं हुए हैं, हालांकि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर अपना त्यागपत्र वापस ले लिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा "मैं शुरू से ही यह कहना चाहता हूं कि राहुल और प्रियंका जी के सिपाही मैने अपना त्यागपत्र वापस ले लिया है, और में साफ तौर पर कह रहा हूं कि जिस दिन नया एडवोकेट जनरल बनेगा और नया पैनल आ जाएगा तो मैं अपना कार्यभार संभाल लूंगा, यह कोई व्यक्तिगत ईगो नहीं थी बल्कि पंजाब की अंतरआत्मा का सवाल था"
सिद्धू ने बेअदबी मामले और ड्रग्स मामलों को सबसे अहम बताया और उन दो मुद्दों को अपनी ही सरकार से हल करने के लिए कह दिया। सिद्धू ने कहा, "2017 में 2 बड़े मुद्दों पर एक सरकार गिरी थी और दूसरी बनी थी, फिर साढ़े चार साल की जद्दोजहद के बाद उन्हीं 2 मुद्दों पर एक मुख्यमंत्री हटाया गया और दूसरे मुख्यमंत्री को लाया गया। वही 2 मुद्दे हर पंजाबी की आत्मा की आवाज हैं। हर पंजाबी आतुर है कि कौन उन 2 मुद्दों का हल निकालेगा। जबतक साधन नहीं तबतक लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सकता। जब गुरू की बेअदबी का सवाल आता है और ड्रग मामले का सवाल आता है तो इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सबसे बड़े साधन डीजीपी और एडवोकेट जनरल हैं।"
सिद्धू ने कहा कि जिस दिन 2 मुद्दे हल हो जाएंगे उसी दिन कांग्रेस का हर कार्यकर्ता पंजाब में स्टार प्रचारक बन जाएगा, उन्होंने यह भी साफ किया कि मुद्दे नहीं सुलझे तो पार्टी किस मुंह से जनता के बीच जाएगी।
सिद्धू ने चन्नी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "पिछले 40-50 दिन में इस सरकार ने बेअदबी के मामले में और नशे की रिपोर्ट खोलने की दिशा में कौन सा रुझान दिखाया। क्या पंजाब नहीं चाहते कि विधानसभा में रिपोर्ट पब्लिक की जाए। सवा महीने पहले पैनल भेजा गया, जबकि समस्या एक हप्ते में हल हो सकती है, 90 दिन की तो सरकार है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।"