नई दिल्ली। अगले साल यानी 2022 में होने वाला यूपी विधानसभा चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है। एक तरफ जहां ओवैसी की पार्टी ने यूपी के चुनाव लड़ने का ऐलान किया है वहीं अब शिवसेना ने भी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना ने बड़ा ऐलान किया है। 2020 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में शिवसेना प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
यूपी विधानसभा चुनाव में शिवसेना की एंट्री से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का फैसला लेते हुए प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं शिवसेना ने अभी तक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं किया है, लेकिन गठबंधन की संभावना का संकेत दिया है। लखनऊ के दारुलशफा में शिवसेना की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में ये घोषणा की गई।
शिवसेना की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के शासन में प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है और बहन-बेटियां कोई भी सुरक्षित नहीं हैं। आगामी चुनाव व संगठन को लेकर बैठक में गहन चिंतन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश शिवसेना प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी सरकार में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है। प्रदेश में जंगलराज है।
ठाकुर अनिल सिंह ने कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार ब्राह्मणों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था ही हालत भी खराब है। बेरोजगारी और महंगाई से जनता बुरी तरह त्रस्त है। सिंह ने आगे कहा कि शिक्षा में प्रदेश भर के विद्यालयों ने मनमानी फीस बंद स्कूल में भी वसूल रहे हैं। सरकार शिक्षा माफियाओं से मिली हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विद्यालयों में 15 प्रतिशत फीस माफ नहीं की गई। शिवसेना प्रदेश की आवाज बन जनता के बीच जाएगी और शिवसेना सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारकर बीजेपी को सबक सिखाएगी।