डेरागांव (असम): असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ कभी गठबंधन नहीं किया लेकिन अब कांग्रेस ने बदरूद्दीन अजमल नीत पार्टी के साथ केवल राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए हाथ मिलाया है। यह दावा रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। असम में अपनी तीसरी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस विभाजन की राजनीति कर रही है जबकि भाजपा मानवता की राजनीति में संलग्न है।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस को क्या हो गया है? तरूण गोगोई जब 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने एआईयूडीएफ के साथ कभी समझौता नहीं किया। लेकिन, आज वे एआईयूडीएफ के साथ हैं। क्यों? क्या महज चुनाव जीतने के लिए और सत्ता हासिल करने के लिए?’’ कांग्रेस ने राज्य में 126 सदस्यीय विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एआईयूडीएफ और छह अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है। यहां प्रथम चरण में 27 मार्च को चुनाव होने वाले हैं।
उन्होंने विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह देश और राज्य को धर्म के नाम पर बांट रहा है। गोलाघाट जिले के डेरागांव विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा धर्म की राजनीति नहीं करती है। हम इंसानों के लिए, मानवता की राजनीति करते हैं।’’ सिंह ने कहा कि देश की सेवा की मंशा से गठबंधन बनाए जाने चाहिए न कि महज सरकार बनाने के लिए।
सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद के निवर्तमान विधायक भावेंद्र नाथ भराली के चुनाव प्रचार के लिए रैली का आयोजन किया गया था, जो कांग्रेस उम्मीदवार बानी हजारिका के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।