कोलकाता. बंगाल में चार चरण का मतदान हो चुका है। आगे के चरणों के लिए दोनों पार्टियों के नेता अपनी पूरी ताकत से प्रचार कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के रण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जमकर प्रचार कर रहे हैं। राज्य के ताजा चुनावी माहौल और तमाम विषयों पर उनसे बात की इंडिया टीवी के संवाददाता देवेंद्र पराशर ने। राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी पर चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए 24 घंटे के बैन पर कहा कि ममता बनर्जी को लेकर चुनाव आयोग का जो भी फैसला है, उसपर प्रश्नचिन्ह लगाने का कोई औचित्य नहीं है। चुनाव आयोग जो भी फैसले करता है वह सोच समझकर करता है, ऐसे फैसले अगर आयोग नहीं करे तो चुनाव के दौरान तो अराजकता उत्पन्न हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि बेबुनियाद और आधारहीन आरोप लगाना ममता दीदी का स्वभाव है। कई वर्गों को भी उन्होंने उत्तेजित करने का प्रयास किया है। उन्होंने जिस तरीके से तुष्टिकरण को अपनाया है- 'एक जुट हो जाओ, एकजुट होकर वोट डालो', ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से उनके ऊपर जो कार्रवाई की गई है, वह उचित है।
केंद्रीय बलों को लेकर किए गए सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय बल तो पहले भी बराबर चुनावों के दौरान काम करते रहे हैं, उनका जो रोल है, उसे वे निभाते हैं। इस चुनाव में भी वही केंद्रीय बल लगाए गए हैं और वे अपना रोल निभा रहे हैं, अन्य किसी राज्य में भी केंद्रीय बलों पर इस तरह का आरोप नहीं लगा है। उन्होंने कहा, "मैं टीएमसी के लोगों से पूछना चाहता हूं कि बंगाल में ही क्यों इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।"
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय TMC के लोगों में और ममता दीदी में एक हताशा और निराशा की स्थिति पैदा हो गई है और उन्हें भी लगने लगा है कि हार सुनिश्चित है। इसलिए जो मन में आता है, वो आरोप लगा देते हैं। कभी चुनाव आयोग पर तो कभी भाजपा के नेताओं पर। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस और लेफ्ट पर भी हमला बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि लंबे समय से पश्चिम बंगाल में कभी कांग्रेस की, कभी लेफ्ट की और टीएमसी की सरकार रही है, कौन इस स्थिति को नकार सकता है कि बंगाल में अराजकता की स्थिति नहीं है। आए दिन कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है, भाजपा के 150 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है, एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या करके पेड़ पर लटका दिया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य में सुरक्षा को चाक-चौबंद करना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी होती है और इस हिंसा के लिए किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंसा का सिलसिला तो बंगाल में लेफ्ट के समय से शुरू हुआ है और वही टीएमसी के शासन काल में लगातार चल रहा है। ऐसे में हिंसा के लिए भाजपा के लोगों को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। देश के सभी राज्यों में भाजपा चुनाव लड़ती है क्यों वहां पर हिंसा नहीं होती। हिंसा के लिए चुनाव आयोग या किसी अन्य राजनीतिक दल को नहीं ठहराया जा सकता, जिम्मेदार अगर ठहराया जा सकता है तो केवल वहां के मुख्यमंत्री को।
राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी पर आरोप लगता हुए कहा कि उनको लग रहा है कि वे चुनाव हार चुकी हैं और इसीलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति का रास्ता अपना रही हैं। पहले भी वे ऐसा करती आई हैं और एक वर्ग को उन्हें कहना पड़ रहा है कि लामबंद होकर मतदान करिए। तुष्टिकरण का रास्ता जो TMC ने अपनाया है उससे लोगों में राजनीति है, लोग समझते हैं कि स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीती में जात-मत मजहब की नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धार्मिक और जातीय आधार पर राजनीती नहीं करती। CAA पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट में बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान से जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए उनको नागरिकता की बात कही गई है। जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से नहीं आए उनको नागरिकता की बात नहीं की गई है।
जय श्री राम के नारे पर उन्होंने कहा कि जय श्रीराम आम बोलचाल की भाषा में बोलते हैं, इसे चुनावी नारे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अगर हमने जनता के सामने खड़े होकर जय श्रीराम बोल दिया तो इसका मतलब है कि हम अभिवादन कर रहे हैं, जैसे नमस्कार करते हैं, प्रणाम करते हैं, वैसे ही जय श्रीराम बोलकर अभिवादन करते हैं। जय श्रीराम का जवाब जय श्रीराम बोलकर ही देना चाहिए। भाजपा के बाहरी पार्टी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि BJP बाहरी कैसे हो सकती है, BJP भारतीय जनसंघ से बनी है और भारतीय जनसंघ की स्थापना बंगाल की मां की कोख से पैदा हुए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की है। जिन सिद्धांतों पर उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी आज भी उन्हीं सिद्धांतों पर भाजपा चल रही है।