नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस की कलह हाईकमान के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद 2 घंटे की मुलाकात के बाद भी खत्म नहीं हुआ है। सीएम चन्नी आज दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। पंजाब डीजीपी और एडवोकेट जनरल के पेंच को लेकर अब आलाकमान की राय के बाद ही फैसला लिया जाएगा। इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए सीएम चन्नी दिल्ली आ रहे हैं।
2 घंटे तक चली बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा
पंजाब कांग्रेस में हालत अब भी पशोपेश के बने हुए हैं। अब भी ये साफ नहीं हुआ है कि नवजोत सिंह सिद्धू मान गए हैं या नहीं। कल मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबी बैठक हुई। ये बैठक दो घंटे तक चली लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। सिद्धू अपनी मांग पर अड़े रहे और चन्नी अपनी...आखिरकार बैठक बेनतीजा खत्म हुई। हां सूत्र बताते हैं कि मीटिंग में सरकार चलाने के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाने पर सहमति बन गई है। इस कमेटी में सीएम चन्नी, सिद्धू और कांग्रेस पर्यवेक्षक हरीश चौधरी होंगे। मीटिंग में सिद्धू को बता दिया गया कि एडवोकेट जनरल और डीजीपी को हटाने की मांग नहीं मानी जाएगी।
हरीश रावत निभाएंगे मध्यस्त की भूमिका
इस कमेटी की हफ्ते में एक मीटिंग होगी जिसमें सरकार के बड़े फैसलों को लेकर चर्चा होगी। इसके जरिए संगठन और सरकार में टकराव को रोका जाएगा। मीटिंग में सिद्धू पंजाब के DGP को हटाने और एडवोकेट जनरल को बदलने पर अड़े रहे लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी ने अफसरों को हटाने से मना कर दिया। अब इस मामले पर फैसला आलाकमान करेगा। इसके अलावा हाईकमान ने सिद्धू और चन्नी के बीच विवाद सुलझाने के लिए फिर से हरीश रावत को मध्यस्त की भूमिका निभाने को कहा है।
इस बीच पंजाब कैबिनेट की बैठक 4 अक्टूबर को बुलाई गई है। पहले चन्नी ने कहा था कि कैबिनेट की बैठक हर मंगलवार को होगी लेकिन इसे एक दिन पहले ही बुलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कैबिनेट मीटिंग में उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी जिन मुद्दों को सिद्धू ने कल की बैठक में उठाया था।