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'नंदीग्राम का संग्राम', आज प्रचार का अंतिम दिन, ममता और शुभेंदु के बीच है टक्कर

नंदीग्राम सीट के देशभर में चर्चित होने के पीछे की वजह है इससे लड़ने वाले प्रत्याशी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम सीट से अपना भाग्य आजमा रही हैं और उन्हें चुनौती भी उनके पुराने साथी शुभेंदु अधिकारी से मिल रही है

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 30, 2021 9:19 IST
Nandigram Suvendu Adhikari Vs Mamata Banerjee in Nandigram
Image Source : INDIA TV Nandigram Suvendu Adhikari Vs Mamata Banerjee in Nandigram

कोलकाता। यूं तो देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन पूरे देश की नजर अगर किसी राज्य पर टिकी हुई है तो वह राज्य पश्चिम बंगाल है। और पश्चिम बंगाल की एक सीट ऐसी है जिसका नतीजा देश की राजनीति में रुचि रखने वाला हर व्यक्ति जानना चाहता होगा, वह सीट है नंदीग्राम। इस नंदीग्राम सीट के देशभर में चर्चित होने के पीछे की वजह है इससे लड़ने वाले प्रत्याशी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम सीट से अपना भाग्य आजमा रही हैं और उन्हें चुनौती भी उनके पुराने साथी शुभेंदु अधिकारी से मिल रही है जो तृणमूल कांग्रेस को छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। 

शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी जिसे ममता बनर्जी ने स्वीकार किया था। पूर्व मेदिनीपुर जिले की इस प्रतिष्ठित सीट पर जबरदस्त प्रचार चल रहा है जो मंगलवार को शाम थम जाएगा, क्योंकि यहां पर दूसरे चरण के चुनाव के तहत एक अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में ममता बनर्जी तथा शुभेंदु अधिकारी को इस सीट पर जीत प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत झोकनी होगी। 

पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट पर तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार ममता बनर्जी और भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के पिता के बीच सोमवार को जमकर जुबानी जंग हुई। अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान 14 मार्च 2007 को पिता-पुत्र की जानकारी के बिना पुलिस नंदीग्राम में नहीं आ सकती थी। बनर्जी ने कहा, “ पिता-पुत्र की जानकारी के बिना (2007 में) पुलिस नंदीग्राम में नहीं घुस सकती थी।” उन्होंने कहा, “यह मेरी गलती है कि मैंने उन्हें इतना प्यार दिया।” 

गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके एक भाई सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है। बनर्जी उन्हें ‘गद्दार’ बता रही हैं। बनर्जी ने कहा, “ मैंने उनके लिए क्या नहीं किया। मैंने उन्हें (शुभेंदु अधकारी को) परिवहन, पर्यावरण, सिंचाई मंत्री बनाया था। मैंने उन्हें हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर का अध्यक्ष बनाया था। मैंने उनके पिता (शिशिर अधिकारी को) को दीघा विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। मैंने उनके भाई (सौमेंदु अधिकारी को) हल्दिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। मैंने उनके भाई को कोंटोई नगरपालिका का अध्यक्ष बनाया।” बनर्जी ने कहा, “ मैंने एक ही परिवार को कम से कम 10 पद दिए और उन्होंने इस तरह से उसका प्रतिफल दिया। उन्होंने जहरीले गद्दारों की तरह विश्वासघात किया।” 

बनर्जी के आरोपों पर शिशिर अधिकारी ने कहा, “ वह निरर्थक बातें कर रही हैं, क्योंकि वह समझ गई हैं कि वह नंदीग्राम से हार रही हैं।” उन्होंने कहा, “बनर्जी ने शुभेंदु के कारण नंदीग्राम आंदोलन का लाभ उठाया, जिन्होंने माकपा के आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका (शुभेंदु) और मेरा इस्तेमाल किया। वह अब हमारे खिलाफ बोल रही हैं क्योंकि हमने उनके काम करने के तरीके का विरोध किया। उनका नंदीग्राम और बंगाल के लोगों के सामने पर्दाफाश होगा।”

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