नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव वाले 5 राज्यों में से भारतीय जनता पार्टी को 3 राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है और इन तीनों राज्यों की लोकसभा सीटों को अगले लोकसभा चुनाव में बचाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगड़ में कुल 65 लोकसभा सीटें हैं और इनमें से 58 सीटें अभी भारतीय जनता पार्टी के पास हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान छत्तीसगढ़ में हुआ है। लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, फिर भी पार्टी कुछ हद तक अपने वोट बचाने में कामयाब रही है। दोनो ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के वोटों में बहुत ही मामूली अंतर है।
शाम 5 बजे तक हुई मतगणना को देखें तो मध्य प्रदेश में तो भाजपा और कांग्रेस के वोटों का अंतर 0.1 प्रतिशत ही है। कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान में भी है जहां कांग्रेस को भाजपा से सिर्फ 0.5 प्रतिशत अधिक वोट मिला है। शाम 5 बजे तक मध्य प्रदेश में भाजपा का वोट प्रतिशत 41.3 प्रतिशत था जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 41.4 प्रतिशत था। वहीं राजस्थान में शाम 5 बजे तक भाजपा का वोट प्रतिशत 38.7 प्रतिशत और कांग्रेस का 39.2 प्रतिशत था। हालांकि छत्तीसगढ़ में में कांग्रेस भाजपा से बहुत आगे हो गई है, शाम 5 बजे तक छत्तीसगढ़ में भाजपा का वोट प्रतिशत 33 प्रतिशत रहा है जबकि कांग्रेस का 42.9 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में दोनो पार्टियों के बीच हुई कांटे की टक्कर से अब ये साफ हो गया है कि लोकसभा चुनावों में भी दोनो पार्टियां एक-एक वोट की लड़ाई लड़ेंगी। ऐसे में भाजपा को अपनी लोकसभा सीटें बचाने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ेगी और साथ में कांग्रेस को भी विधानसभा चुनावों जैसा प्रदर्शन करने के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी।