नई दिल्ली। कर्नाटक में एक बार फिर से विधानसभा चुनावों की बड़ी लड़ाई होने जा रही है। चुनाव आयोग ने राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव के बाद आने वाले चुनाव परिणामों पर सभी की नजर होगी क्योंकि राज्य में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी के पास फिलहाल बहुत सीमित बहुतम है और विपक्ष में बैठी कांग्रेस और जनता दल की कुल सीटें भी बहुमत से ज्यादा दूर नहीं हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस और JDS उप चुनाव जीतती हैं तो उन्हें फिर से सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। बता दें कि फिलहाल कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन नहीं है लेकिन आगे आने वाले समय में गठबंधन हुआ और दोनों पार्टियों उपचुनाव जीती तो सरकार बनाने का मौका मिल जाएगा।
शनिवार को चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा की 15 सीटों पर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने अथानी, खगवाड, गोकक, येल्लापुर, हिरेकपुर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबालपुर, केआर पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्यमी लाओट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, कृष्णराजपेट और हुंसुर विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित किया है।
इस साल जुलाई में कर्नाटक विधानसभा में हुए नाटक के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बीएस यदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाई है। 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 105 विधायक हैं जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के बागी 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। बहुमत साबित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को 104 विधायकों की जरूरत थी और पार्टी को निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त था। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने आसानी बहुमत हासिल करने में कामयाब हो गई थी।
लेकिन अब क्योंकि कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, ऐसे में चुनाव परिणामों के बाद राज्य में फिर से राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ जाएगी। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर कर्नाटक की 15 सीटों को जीतने के लिए पूरा दमखम लगाने की कोशिश करेंगे साथ में भारतीय जनता पार्टी भी अपना संख्याबल बढ़ाने और सरकार को बचाए रखने के लिए इन 15 सीटों को जीतने के लिए पूरा दम लगाएगी।