चंडीगढ़: हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना बृहस्पतिवार को होगी। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को अपनी सत्ता बरकरार रहने की उम्मीद है और एग्जिट पोल से उसकी इन उम्मीदों को और बल मिला है जिनमें भगवा पार्टी की आसान जीत का अनुमान जताया गया है। राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है और गुड़गांव के बादशाहपुर खंड़ में एक अतिरिक्त केन्द्र बनाया गया है जिनमें बड़ी संख्या में मतदान केन्द्र थे। हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी इंदर जीत ने बताया, ‘‘मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी।’’
उन्होंने कहा कि सोमवार को हुए मतदान के लिए इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों को 59 विभिन्न स्थानों पर बनाये गये 90 ‘स्ट्रांगरूम’ में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के कर्मी 24 घंटे स्ट्रांगरूम की निगरानी कर रहे है। इंदरजीत ने बताया कि त्रि-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू है। हालांकि ज्यादातर एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी की आसान जीत का अनुमान जताया गया है लेकिन एक ने भाजपा और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबले की संभावना जतायी है जबकि जननायक जनता पार्टी ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है।
हरियाणा में सोमवार को 68 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था जो 2014 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में कुछ कम था। उस वर्ष 76.54 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2014 में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थी। इंडियन नेशनल लोकदल ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी और बहुजन समाज पार्टी तथा शिरोमणि अकाली दल को एक-एक सीट मिली थी। पांच निर्दलीय थे। इस बार 105 महिलाओं समेत 1,169 उम्मीदवार मैदान में है।
चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला और इनेलो के नेता अभय सिंह चौटाला शामिल हैं। इनके अलावा हरियाणा के मंत्रियों राम बिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, ओ पी धनखड़ और कविता जैन भी भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे। हुड्डा के अलावा कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी, रणबीर महेन्द्र और कुलदीप बिश्नोई ने चुनाव लड़ा। भाजपा ने टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट और तीन खिलाड़ियों बबीता फोगाट, योगेश्वर दत्त और संदीप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था।
खट्टन ने राज्य में इस बार 75 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था जबकि कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। आम आदमी पार्टी, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और स्वराज इंडिया ने भी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि इनमें से किसी ने सभी 90 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को उठाया। भाजपा ने मतदाताओं से कहा था कि खट्टर सरकार ने स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन उपलब्ध कराया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बेरोजगारी, कानून व्यवस्था की स्थिति और किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था।