कोलकाता: निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के कुछ ही देर बाद उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि आयोग बीजेपी की शाखा की भांति बर्ताव कर रहा है और उसके फैसले से अधिनायकवाद की बू आती है। तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘आयोग बिल्कुल कमजोर पड़ चुका है। 12 अप्रैल हमारे लोकतंत्र में काला दिन है। हमें हमेशा मालूम था कि हम बंगाल जीत रहे हैं।’’
उन्हीं के सुर में सुर मिलाते हुए एक अन्य पार्टी नेता कुणाल घोष ने आयोग के फैसले पर कहा, ‘‘आयोग बीजेपी की शाखा की भांति बर्ताव कर रहा है। यह पाबंदी ज्यादती है एवं इससे अधिनायकवाद की बू आती है। आयोग का एकमात्र लक्ष्य बनर्जी को चुनाव प्रचार से रोकना है क्योंकि बीजेपी पहले ही हार भांप चुकी है। यह शर्मनाक है।’’
निर्वाचन आयोग का आदेश केंद्रीय बलों के विरूद्ध बनर्जी के बयान के बाद आया है। वैसे इस आदेश का तृणमूल सुप्रीमो के एक अन्य बयान से भी नाता है जिसमें कथित धार्मिक भाव था। आदेश में कहा गया है, ‘‘आयोग ऐसे बयानों की निंदा करता है जिससे राज्यभर में कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका है। वह ममता बनर्जी को आदर्श आचार संहिता के प्रभाव में रहने के दौरान सार्वजनिक संबोधन में ऐसे बयानों के इस्तेमाल के विरूद्ध चेतावनी एवं सलाह देता है।’’
बता दें कि सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर बैन लगाने से पहले ही ममता बनर्जी ने आयोग पर निशाना साधा था। दम दम में चुनावी रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, "मैं चुनाव आयोग से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि सिर्फ भाजपा की न सुनें, सभी की सुनें, पक्षपाती न बनें।"
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