नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चुनाव ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि बनर्जी का बयान पूरी तरह गलत और भड़काऊ है। इस पर तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक सीआरपीएफ बीजेपी के लिए काम करना बंद नहीं करती, वह ऐसा करती रहेंगी। आयोग द्वारा बृहस्पतिवार की रात को जारी नोटिस में कहा गया है कि केंद्रीय बलों के खिलाफ टिप्पणी कर बनर्जी ने प्रथमदृष्टया भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं का और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। नोटिस में कहा गया है, ‘‘प्रथमदृष्टया बनर्जी के पूरी तरह निराधार, भड़काऊ और तीखे बयानों ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की गरिमा को गिराने और अपमानित करने का प्रयास किया है। इससे इन बलों के कर्मियों का मनोबल गिरा है जो 1980 के दशक के आखिर से चुनाव दर चुनाव अपनी सेवाएं दे रहे हैं।’’
आयोग ने कहा, ‘‘उन्होंने सरहानीय योगदान दिया है और अपनी उपस्थिति से असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाकर मुक्त, निष्पक्ष, पारदर्शी और सबकी पहुंच वाला चुनाव आयोजित कराने में चुनाव आयोग के सहायक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।’’
चुनाव प्रचार के दौरान बनर्जी ने इस पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पूर्बी बर्धमान के जमालपुर में एक रैली में कहा, ‘‘जब तक सीआरपीएफ बीजेपी के लिए काम करना बंद नहीं करती, मैं उनके बारे में बोलती रहूंगी। जब वे ऐसा करना बंद कर देंगे तो मैं उन्हें सलाम करुंगी। मुझे आपके (चुनाव आयोग के) कारण बताओ नोटिसों की कोई फिक्र नहीं है। आप बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि तब आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन क्यों नहीं होता जब प्रधानमंत्री मतदान वाले दिन प्रचार करते हैं।’’
बनर्जी अपनी चुनावी रैलियों में अक्सर केंद्रीय बलों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाती आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में बनर्जी को चुनाव आयोग का यह दूसरा नोटिस है। आयोग ने कथित रूप से वोट के लिए सांप्रदायिक अपील करने को लेकर बुधवार को उन्हें नोटिस जारी किया था और कहा था कि यह जन प्रतिनिधित्व कानून और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
नोटिस में कहा गया कि 28 मार्च और सात अप्रैल को दिये गये ममता बनर्जी के बयान और इसके बाद के बयानों पर गौर करने पर यह पता चलता है कि ‘‘बनर्जी ने बार-बार केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों का मनोबल गिराने का प्रयास किया है जिन्होंने संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में कानून व्यवस्था बहाल करने में अहम भूमिका निभायी है।’’ इसमें कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस और बनर्जी ने केंद्रीय बलों को अपमानित करने का चलन बना लिया है।
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