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आंध्र प्रदेश में जातीय गणित बदल सकते हैं चुनावी समीकरण

आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा के लिए 11 अप्रैल को एक साथ मतदान होगा और जातीय गणित फिर से विजेता का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Reported by: Bhasha
Updated : April 10, 2019 16:25 IST
Andhra Pradesh
Image Source : INDIA TV Andhra Pradesh

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा के लिए 11 अप्रैल को एक साथ मतदान होगा और जातीय गणित फिर से विजेता का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन, यह देखा जाना चाहिए कि क्या सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) कम्मा, कप्पू और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) पर अपनी पकड़ बनाए रखेगी और क्या उसकी प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस को रेड्डी, अनुसूचित जाति (एससी), मुसलमानों और ईसाइयों का समर्थन मिलेगा।

राज्य में चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा और 2014 में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के सत्ता में आने के बीच एक तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है, भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और नई पार्टी जन सेना के लिए केवल एक साइड शो बने रहने की संभावना है।

2015 में भाजपा के साथ चुनाव लड़ने वाली तेदेपा के 15 लोकसभा सांसद हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने सात सीटें जीतीं और भाजपा को तीन सीटें मिलीं। तेदेपा ने 175 विधानसभा सीटों में से 106 सीटें हासिल की और सरकार बनाई।

2014 के लोकसभा चुनाव परिणामों के जातिगत विश्लेषण से पता चलता है कि तेदेपा और भाजपा को कम्मा, कापू, ओबीसी और उच्च जाति समुदायों का बड़ा समर्थन मिला, जबकि वाईएसआर कांग्रेस को बड़े पैमाने पर रेड्डी, एससी, मुस्लिमों और ईसाइयों का मत मिला। 2014 के आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का वोट शेयर वाईएसआर कांग्रेस को मिले 28.90 फीसदी वोटों के मुकाबले 29.10 फीसदी था।

2019 में इस समीकरण में थोड़ा बदलाव आया है। तटीय क्षेत्र के प्रभावशाली कप्पू ने पहले तेदेपा का समर्थन किया था, लेकिन इस बार समुदाय में विभाजन हुआ है, क्योंकि कुछ लोग पवन कल्याण की जन सेना के साथ जा सकते हैं, जिसने बहुजन समाज पार्टी और वाम दलों के साथ गठबंधन किया है। कप्पू आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जिसका वादा तेदेपा ने किया था, लेकिन कानूनी मुद्दों के कारण इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। वहीं दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस अल्पसंख्यकों के अलावा एससी और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।

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