नई दिल्ली। बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पंजाब की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा ने पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अश्विनी शर्मा ने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ऐलान करते हुए कहा कि बीजेपी पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अश्विनी शर्मा ने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी बैठक में शामिल हुए
पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अपने-अपने निवास पर डिजिटल माध्यम से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मंथन हुआ और एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह प्रस्ताव पेश किया। इसमें केंद्र सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का उल्लेख किया गया है। राजनीतिक प्रस्ताव के विषयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें मुख्य तौर पर यह उल्लेख है कि ‘‘आगामी चुनावों में हमें पार्टी की जीत सुनिश्चित करनी है।’’ उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में जीत के लिए भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सकारात्मक माहौल है और कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। राजनीतिक प्रस्ताव में विपक्ष की अवसरवादी राजनीति की आलोचना करते हए आरोप लगाया गया कि उसने महामारी के दौरान भय का वातावरण खड़ा करने की कोशिश की।
भाजपा का उत्कर्ष आना अभी बाकी, पश्चिम बंगाल में पार्टी का अप्रत्याशित उभार: नड्डा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करने और संगठन को मजबूत बनाने के लिए रविवार को कुछ लक्ष्य निर्धारित किए और दावा किया कि पार्टी पिछले सात सालों से केंद्र की सत्ता में है और पूरब से लेकर पश्चिम तथा उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई राज्यों में उसकी सरकारें भी हैं लेकिन उसका उत्कर्ष आना अभी बाकी है। राजधानी के एनडीएमसी सम्मेलन कक्ष में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने सिखों को भी साधने का प्रयास किया और इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों को उल्लेख किया, जिनमें 1984 के दंगों के आरोपियों को सजा दिलाने, गुरुद्वारों को विदेशों से मिलने वाली वित्तीय सहायताओं की व्यवस्था करना और लंगर सेवा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखना शामिल है।