जयपुर: राजस्थान निकाय चुनाव में दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा अकेले दम पर ही मैदान मारने की तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस ने जहां निकाय चुनाव में किसी से गठजोड़ नहीं करने के अपने पुराने रुख को दोहराया है, वहीं भाजपा ने भी अपनी गठबंधन सहयोगी आरएलपी से चुनाव में भागीदारी की संभावना को खारिज किया है।
बीकानेर, उदयपुर और भरतपुर नगर निगम के साथ-साथ राजस्थान की 49 नगरपालिकाओं के लिए 16 नवंबर को मतदान होगा। 19 नवंबर को मतगणना होगी। दरअसल, हाल ही में दो सीटों के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम से सत्तारूढ़ कांग्रेस बेहद उत्साहित है। उपचुनाव में कांग्रेस ने जहां मंडावा सीट भाजपा से छीन ली वहीं खींवसर सीट पर भी उसका प्रत्याशी मामूली अंतर (4630 मत) से पराजित हुआ।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसका जिक्र करते हुए बुधवार को उदयपुर में संवाददाताओं से कहा कि माहौल आज कांग्रेस के पक्ष में है और नगरपालिकाओं के चुनाव संगठन पूरी ताकत से लड़ेगा। लोगों को हमारा काम पसंद आ रहा है। सभी निकाय चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहेगा।’’
इससे पहले पायलट निकाय चुनाव में किसी अन्य दल के साथ गठजोड़ को यह कहते हुए खारिज कर चुके हैं कि जब भी स्थानीय चुनाव होते हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा अकेले चुनाव लड़ती है। भाजपा भी निकाय चुनाव में ‘एकला चलो’ की नीति अपना रही है। निकाय चुनाव को लेकर पार्टी की मंगलवार को यहां हुई बैठक में संचालन प्रबंधन आदि के लिए 11 सदस्यों की एक समिति बनाई।
इस दौरान निकाय चुनाव में गठबंधन को लेकर सवाल पूछे जाने पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा, ‘‘शहरी निकायों में भाजपा का अपना वजूद है इसलिए मुझे लगता नहीं कि उसकी कोई आवश्यकता है।’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में राज्य की एक सीट आरएलपी को गठबंधन में दी थी। इसके बाद उपचुनाव में भी उसने खींवसर की सीट आरएलपी के लिए छोड़ी थी।
वहीं, आरएलपी ने अभी निकाय चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भाषा से कहा, ‘‘हम बात कर रहे हैं। एक दो दिन में इस बारे में फैसला कर लेंगे।’’