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भावनीपुर उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज की, तय समय पर होंगे चुनाव

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी खारिज कर दी है। बीजेपी ने उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी दी थी

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 28, 2021 12:50 IST
भावनीपुर उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज की- India TV Hindi
Image Source : FILE भावनीपुर उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज की

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी खारिज कर दी है। बीजेपी ने उपचुनाव स्थगित करने की अर्जी दी थी। पार्टी का कहना था कि उन्हें चुनाव  प्रचार नहीं करने दिया जा रहा है, ऐसे में चुनाव कराने का क्या फायदा?  अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की एक खंडपीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से ऐसा पत्र लिखना अनुचित था, जिसमें उन्होंने भवानीपुर में उपचुनाव कराने की चुनाव आयोग से अपील की थी। अदालत ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उपचुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को चुनौती दी गई थी। मुख्य सचिव ने पत्र में कहा था कि अगर भवानीपुर उपचुनाव नहीं हुआ तो एक ‘‘संवैधानिक संकट’’ उत्पन्न हो जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन यहां का राजनीतिक तापमान काफी गर्मा गया। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने मांग की कि स्थिति के सामान्य होने तक 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव को टाल दिया जाए, जबकि चुनाव आयोग ने घटना पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पार्टी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार करते समय भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने ‘‘वापस जाओ’’ के नारे लगाए। राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर दिखा कि घोष के साथ सड़क पर धक्का-मुक्की की जा रही है और दुर्व्यवहार किया जा रहा है तथा सुरक्षाकर्मी उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक संदिग्ध समर्थक को एक सुरक्षाकर्मी का कॉलर पकड़ते देखा गया, जिसने भीड़ को हटाने के लिए तुरंत पिस्तौल निकाल ली।

 घटना तब हुई जब घोष विधानसभा क्षेत्र के जोडुबाबर बाजार इलाके में एक टीकाकरण शिविर के अंदर गए थे। वहां मौजूद तृणमूल समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा और आरोप लगाया कि सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में वह चुनाव प्रचार कर रहे हैं। घोष सुरक्षाकर्मियों के घेरे में वहां से चले गए और बाद में आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थकों ने अकारण उन पर ‘‘हमला’’ किया और एक भाजपा कार्यकर्ता को घायल कर दिया। उन्होंने पूछा, ‘‘हम मामले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाएंगे। यह किस तरह का चुनाव है?’’ 

उन्होंने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि भवानीपुर उपचुनाव को टाल दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति उपचुनाव कराने के अनुकूल नहीं है। अगर एक सांसद पर हमला हो रहा है तो सोचिए आम मतदाताओं का क्या हाल होगा। भवानीपुर में स्थिति सामान्य होने तक मैं चुनाव टाले जाने की मांग करता हूं तब तक, जब तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए माहौल अनुकूल नहीं हो जाता है।’’ घोष ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा था और उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों की कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो मेरी हत्या हो जाती। मेरे सुरक्षाकर्मी ने सुनिश्चित किया कि मैं कार में सवार होकर सुरक्षित उस स्थान से निकल सकूं।’’ घोष को हाल में राज्य भाजपा के प्रमुख पद से हटाकर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। 

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