कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक नेता के घर पर चार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और लगभग इतनी ही संख्या में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन मिलने के मामले में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "बंगाल में सारे चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में होते हैं इसलिए पिछले पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी 20,000 सीटों से जीती थी। यहां चुनाव का मतलब हिंसा होती है जो दर्शाता है कि बंगाल में कानून की स्थिति खराब होती जा रही है।"
गौरतलब है कि TMC नेता के घर EVM और VVPAT मिलने के बाद एक चुनाव अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह घटना उलुबेरिया उत्तर निर्वाचन क्षेत्र के तुलसीबेरिया गांव की है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने आज तड़के टीएमसी नेता के घर के बाहर चुनाव आयोग का स्टीकर लगा एक वाहन देखा जिसके बाद उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। अधिकारी ने बताया कि उसके बाद मालूम चला कि खंड 17 के अधिकारी तपन सरकार ईवीएम के साथ टीएमसी नेता के घर पर गए थे।
उन्होंने बताया कि ईवीएम और वीवीपैट जब्त कर लिए गए हैं और अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया, “चार मशीनों का आज के मतदान में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। हमने जिला निर्वाचन अधिकारी से एक रिपोर्ट मांगी है।”
खंड अधिकारी ने दावा किया कि वह इलाके में बहुत देर से पहुंचा और मतदान केंद्र बंद मिला जिसके बाद उसने रात अपने रिश्तेदार के घर पर ठहरने का फैसला किया क्योंकि उसके पास दूसरा कोई “सुरक्षित स्थान” रुकने के लिए नहीं था।
गड़बड़ी का आरोप लगा रहे स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय बलों की बड़ी टीम को इलाके में तैनात करना पड़ा। यहां तक कि भीड़ को शांत कराने पहुंचे प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) का भी घेराव किया गया।
भाजपा प्रत्याशी चिरन बेरा ने आरोप लगाया कि यह घटना चुनाव में धांधली करने की टीएमसी की योजना का हिस्सा है। सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप से इनकार किया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “यह टीएमसी की पुरानी आदत है। पुरानी आदतें छोड़ने में वक्त लगता है। उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया जो उनकी मंशा को दिखाता है।”