शिलॉन्ग: मेघालय में एनडीए का डेलीगेशन राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश कर रहा है। एनडीए के नेता आज शिलांग में राज्यपाल से मुलाकात कर रहे हैं। खबर है कि एनपीपी के अध्यक्ष कोनराड संगमा मेघालय के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक एनडीए कल ही शपथ ग्रहण की तैयारी कर रही है।
मेघालय में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 21 सीटें मिली हैं लेकिन उन्होंने अभी तक राज्यपाल को उन विधायकों की लिस्ट नहीं सौंपी है जो उन्हें समर्थन कर सकते हैं। एनपीपी के कोनरेड संगमा को मेघालय की एक और पार्टी यूडीपी ने भी एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया है। बड़ी खबर ये है कि पीडीएफ के नेता भी इस वक्त राजभवन में पहुंच गए हैं। पीडीएफ के 4 विधायक हैं और पीडीएफ भी NDA सरकार को समर्थन का ऐलान कर सकती है जिसके बाद NDA के विधायकों की संख्या 34 हो जाएगी।
मेघालय में सरकार बनाने को लेकर रस्साकशी शुरू हो चुकी है। जहां एक तरह कांग्रेस ने अहमद पटेल और कमलनाथ को मेघालय भेजा है तो वहीं बीजेपी की तरफ से हेमंत विस्वा शर्मा, राम माधव और खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। 60 विधानसभा सीटों वाले मेघालय में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस यहां पर सिंगल सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनी है लेकिन बहुमत से कांग्रेस के पीछे रहे गई है जिसके फायदा उठाते हुए बीजेपी अन्य दलों को साथ लेकर सरकार बनाने का कवायद में जुट गई है।
अगर सीटों की बात करें तो कांग्रेस के पास सबसे अधिक 21 सीटें आईं हैं इसके बाद एनपीपी को 19 सीटें मिली हैं। इसके बाद यूडीपी के पास 8 और बीजेपी के खातें में दो सीटें आईं हैं वहीं अन्य 10 सीटों पर हैं। सरकार बनाने के लिए 31 सीटों की जरूरत है जिससे कांग्रेस 10 कम है। अगर एनपीपी और बीजेपी हाथ मिला लेती हैं तो वो कांग्रेस के बराबर हो जाएंगी। जिस बड़ी संख्या में अन्य यहां जीत कर आए आएं हैं सत्ता का असली चाबी उनके और यूडीपी के पास ही नजर आ रही है।
सिंगल सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण कांग्रेस जरूर सरकार बनाने के दावा पेश कर रही हो लेकिन सूत्रों की माने तो बीजेपी ने यहां भी सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर जुटा लिए हैं। सूत्रों के अनुसार बीजेपी के पास कुल 34 विधायकों का समर्थन है। इनमें खुद बीजेपी के 2, एनपपी के 19, यूडीपी 8 बाकी पांच अन्य विधायक हैं इनके अलावा भी पार्टी दो और अन्य विधायकों से संपर्क में हैं अगर वो भी साथ आ जाते हैं तो पार्टी के पास कुल 36 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। बीजेपी की रणनीति को देखते हुए कांग्रेस में खेमे में हलचल मची हुई है। इससे पहले गोवा और मणिपुर में भी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में असफल रही थी ऐसे में वो फिर से ये गलती नहीं करना चाहिए हालाकिं स्थिति और साफ होने में अभी थोड़ा और वक्त लग सकता है।