आइजोल: मिजोरम में नई विधानसभा के लिए बुधवार को मत डाले जाएंगे। यहां कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथांगा की अगुवाई वाले मिजो नेशनल फ्रंट की चुनौती के बीच लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। मिजोरम पूर्वोत्तर का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है। इसके अलावा कांग्रेस पंजाब, केंद्रशासित पुड्डचेरी और कर्नाटक में (जनता दल-एस के साथ) सत्ता में है।
यहां चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए। यहां मुकाबला मुख्यत: कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच है, हालांकि भाजपा भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाह रही है। केंद्र में वर्ष 2004 में मोदी सरकार के आने के बाद से भाजपा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपना पांव पसारना शुरू किया है और इस ईसाई बहुल इलाके में भाजपा के प्रदर्शन को काफी उत्सुकता के साथ देखा जाएगा।
40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री लाल थानहावला हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।
मिजोरम में कुल 209 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री दो सीटों सेरछीप और छंपाई दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस यहां 1987 में राज्य को पूर्ण दर्जा मिलने के बाद से 1998 से 2008 के बीच के वर्षो को छोड़कर सत्ता में रही है। करीब 7.7 लाख मतदाता 209 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
यहां अन्य चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के साथ मतों की गिनती 11 दिसंबर को होगी।