मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिये जाने के चलते अपनी पार्टी के अंदर बगावत का सामना कर रहे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ओबीसी एवं अन्य समुदाय के नेताओं से मुलाकात करने के बाद शनिवार को बागियों की आलोचना की। विभिन्न पिछड़े समुदायों एवं घुमंतू जनजातियों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें सामने रखने के लिए बांद्रा के एक सभागार में ठाकरे से मुलाकात की। राज्य में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होना है।
बैठक के बाद संवादाताओं से बातचीत में ठाकरे ने कहा कि इन प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि वे उनसे किसी और प्रकार की अपेक्षा नहीं रखते हैं लेकिन उन्होंने अपने-अपने समुदाय के लिए “न्याय” की मांग की। उन्होंने कहा, “नेता वे हैं जो चुनाव में टिकट की चाहत नहीं रखते हैं, बल्कि अपने समुदायों के कल्याण के लिए काम करते हैं।” अन्य दलों की ही तरह शिवसेना भी कई निर्वाचन क्षेत्रों में टिकट पाने में नाकाम रहे नेताओं की नाराजगी का सामना कर रही है। ठाकरे ने कहा, “जो संघर्ष के दौरान आपके साथ खड़े रहते हैं वे ईमानदार लोग हैं। अगर सरकार समुदायों को न्याय नहीं दिला सकती तो ऐसी सरकार का क्या फायदा? ’’
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि वह समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ हैं। शिवसेना, भाजपा के साथ गठबंधन के तहत विधानसभा की कुल 288 सीट में 124 सीट पर चुनाव लड़ रही है। इस बीच, पूर्व राकांपा विधायक एवं ओबीसी नेता प्रकाश शेंदगे ने कहा, ‘‘पिछले 70 साल में छोटी जातियों का इस्तेमाल किया गया और उन्हें फेंक दिया गया। शिवसेना ने हमें न्याय का वादा किया है। ओबीसी समुदाय उद्धव के नेतृत्व में यह लड़ाई लड़ेगा।’’