नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में जनता के जनादेश को स्वीकार किया और बीजेपी के महाजनादेश पर हमला बोला और कहा कि ये सिर्फ जनादेश है, भारी जीत या क्लीन स्वीप नहीं है। दरअसल, मतदान से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की रैलियों को 'महाजनादेश यात्रा' कहा गया था।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, “महाराष्ट्र में 2014 की अपेक्षा कुछ अलग नतीजे आए हैं। 2014 में गठबंधन नहीं थी लेकिन 2019 में गठबंधन के बावजूद सीटें कम हुर्इं। बहुमत मिला लेकिन कांग्रेस-एनसीपी मिलकर 100 सीटों तक पहुंच गई और एक मजबूत विरोधी पक्ष के रूप में मतदाताओं ने उन्हें एक जिम्मेदारी सौंपी है। ये एक प्रकार से सत्ताधीशों को मिला सबक है। धौंस, दहशत और सत्ता की मस्ती से प्रभावित न होते हुए जनता ने जो मतदान किया, उसके लिए उसका अभिनंदन।“
सामना में शिवसेना ने आगे कहा, “महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और साफ है। अति नहीं, उन्माद नहीं वरना समाप्त हो जाओगे। ईवीएम से सिर्फ कमल ही बाहर आएंगे, ऐसा आत्मविश्वास मुख्यमंत्री फडणवीस को आखिरी क्षण तक था लेकिन 164 में से 63 सीटों पर कमल नहीं खिला। पूरे महाराष्ट्र के नतीजों को देखें तो शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को सरकार बनाने लायक बहुमत मिल चुका है। फिर इसे महाजनादेश कहो या कुछ और ये जनादेश है महाजनादेश नहीं, इसे स्वीकार करना पड़ेगा।“
शिवसेना ने आगे कहा, “कांग्रेस के पास कोई नेतृत्व नहीं था। इस कमजोर कांग्रेस को राज्य में 44-45 सीटें मिल गर्इं। बीजेपी ने एनसीपी में ऐसी सेंध लगाई कि पवार की पार्टी में कुछ बचेगा या नहीं, कुछ ऐसा माहौल बन गया था लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा छलांग एनसीपी ने लगाई है और 50 का आंकड़ा पार कर लिया है।“
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में यह भी कहा कि बीजेपी 122 से 102 पर आ गई है और शिवसेना 63 से नीचे आ गई। इसके अलावा अन्य निर्दलीय, बागी और छोटी पार्टियों को मिलाकर 25 लोगों को जीत हासिल हुई है। देखा जाए तो ये रुझान चौंकानेवाले हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत से 16 सीटें ज्यादा मिली है।