मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंगलवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। पाटिल ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा है। गौरतलब है कि इससे पहले 25 अप्रैल को पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा के नेता विपक्ष पद से भी इस्तीफा दिया था और पार्टी ने इसे स्वीकार भी कर लिया था। माना जा रहा है कि विखे पाटिल सप्ताह के अंत तक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि पाटिल के बाद जयकुमार गोरे, कालीदास कोलंबकर और अब्दुल सत्तार जैसे विधायक भी पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो सकते हैं पाटिल
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, विखे पाटिल को जून में होने वाले राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। विखे यदि बीजेपी में जाते हैं तो यह महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के बावजूद सूबे की 48 लोकसभा सीटों में से केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई थी। अभी कुछ महीनों बाद ही वहां विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में राधाकृष्ण का अभी बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
राधाकृष्ण ने किया था बेटे के लिए प्रचार
गौरतलब है कि पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए थे। सुजय ने अहमदनगर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता है। उनके सांसद बनने पर राधाकृष्ण ने कहा था कि मैंने खुलेआम अपने बेटे और बीजेपी के उम्मीदवार सुजय का प्रचार किया था, इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई। पाटिल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने उनके बेटे को टिकट न देकर उनके साथ अन्याय किया था, और इस कदम से पार्टी की नीति का भी पता चलता है।