मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट सामने आने के बाद से पार्टी के भीतर का कलह खुलकर बाहर आ गया। महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में अपना नाम नहीं आने से नाराज वरिष्ठ पार्टी नेता एकनाथ खड़से ने मंगलवार को जलगांव जिले की मुक्तईनगर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
अपने साथ हुए बर्ताव पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर पार्टी के प्रति वफादार बने रहना अपराध है तो उन्होंने यह अपराध किया है। एक समय देवेंद्र फडणवीस की सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री माने जाने वाले और बाद में पिछले कुछ साल से पार्टी में दरकिनार कर दिये गये खड़से ने दावा किया कि उन्हें कई प्रस्ताव भेजे गये लेकिन उन्होंने किसी को भी नहीं स्वीकारा।
खड़से ने पुणे एमआईडीसी इलाके में एक भूखंड खरीदने में अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के आरोपों के बाद जून 2016 में राज्य के राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें राज्य में भाजपा का प्रमुख ओबीसी चेहरा माना जाता था। भाजपा ने 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें खड़से का नाम नहीं था। इसके कुछ घंटे बाद ही 67 वर्षीय नेता ने नामांकन दाखिल कर दिया।