मुंबई: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश में मंदी के साथ-साथ सरकार की उदासीनता के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सिंह ने कहा, "ऑटोमोबाइल के गढ़ पुणे में मंदी के कारण महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। राज्य गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है लेकिन सरकार सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप करती दिख रही है।"
पूर्व पीएम ने कहा कि 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं है। इसके लिए सालाना 10-12 फीसदी ग्रोथ की जरूरत होगी, लेकिन भाजपा के कार्यकाल में साल दर साल विकास दर में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ विपक्ष पर दोष मढ़ने में जुटी है, समाधान ढूंढने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का स्थान निवेश में सबसे ऊपर से हटकर किसानों की आत्महत्याओं में सबसे ऊपर हो गया है।
मनमोहन ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए अन्य कदमों के साथ-साथ श्रम-प्रधान उद्योग स्थापित करने का आग्रह किया। सिंह ने कहा, ''मैंने वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी।''
प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ''उम्मीद है कि दूसरे दलों के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष की भावना से कार्रवाई नहीं होगी।''
सावरकर की हिंदूवादी विचारधारा के पक्ष में नहीं कांग्रेस- मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह ने कहा है कि हम (कांग्रेस पार्टी) वीर सावरकर की हिंदूवादी विचारधारा के पक्ष में नहीं है, हालांकि मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी वीर सावरकर के खिलाफ नहीं है और यही वजह है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर पर डाक टिकट भी जारी किया था।