लातूर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार कई चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिले हैं। कहीं कद्दावर नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है तो कहीं गुमनाम से चेहरों ने भी जीत दर्ज की है। इसी बीच एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर एकबारगी यकीन ही नहीं होता। सूबे की लातूर रुरल (ग्रामीण) विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे धीरज विलासराव देशमुख ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को एक लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। हालांकि चौंकाने वाली खबर यह है कि यहां दूसरे नंबर पर NOTA रहा।
NOTA को शिवसेना कैंडिडेट से भी ज्यादा वोट
यूं तो आंकड़ों में यही दर्ज होगा कि धीरज देशमुख ने शिवसेना के कैंडिडेट रवि रामराजे देशमुख उर्फ सचिन को मात दी, लेकिन हकीकत यह है कि सचिन को NOTA से भी कम वोट मिले। इन चुनावों में धीरज देशमुख को कुल 1,35,006 वोट मिले, जबकि सचिन को 13,524 वोट। हालांकि यहां NOTA का बटन 27,500 लोगों ने दबाया जो कि एक रिकॉर्ड ही कहा जाएगा। इस तरह देखा जाए तो लातूर रुरल विधानसभा क्षेत्र के 13.78 प्रतिशत मतदाताओं ने तमाम प्रत्याशियों में से किसी को भी अपने वोट के लायक नहीं समझा।
धीरज के भाई अमित ने भी जीता चुनाव
एक तरफ धीरज ने जहां अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को बड़े अंतर से हराया, वहीं उनके भाई अमित विलासराव देशमुख ने भी प्रभावशाली जीत दर्ज की। अमित ने सूबे की लातूर सिटी विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शैलेश गोविंदकुमार लाहोती को 40 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। इन चुनावों में अमित को 1,10,443 वोट मिले जबकि 70,276 लोगों ने भाजपा प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया। यहां NOTA को सिर्फ 727 वोट मिले। धीरज और अमित के तीसरे भाई रितेश देशमुख बॉलीवुड ऐक्टर हैं।