गोविंद सिंह राजपूत वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन कैबिनेट मंत्री हैं। राजपूत को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी सहयोगी भी माना जाता है और उन्होंने 2020 में मध्य प्रदेश के राजनीतिक संकट के दौरान सिंधिया का समर्थन करने का फैसला किया, जब उनके प्रति वफादार 22 कांग्रेस विधायक इस्तीफा देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। राजपूत मध्य प्रदेश विधानसभा में सुरखी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने 2003 में बीजेपी के भूपेन्द्र सिंह को 13,865 वोटों के अंतर से हराकर पहली बार सीट पर जीत दर्ज की थी। 1998 में भूपेन्द्र सिंह ने सुरखी सीट से राजपूत को हराया। इसके बाद 2008 में गोविंद सिंह राजपूत ने 2008 में भाजपा के राजेंद्र सिंह मोकलपुर को हराकर सुरखी सीट फिर से जीता। हालांकि, 2013 में बीजेपी की पारुल साहू केसरी ने राजपूत के विजय रथ को समाप्त करते हुए उन्हें मात्र 141 वोटों के अंतर से हरा दिया। राजपूत ने 2018 में वापसी करते हुए भाजपा उम्मीदवार सुधीर यादव को हराकर फिर से सीट पर जीत दर्ज की। 2020 के उपचुनाव में गोविंद सिंह राजपूत ने पारुल साहू केसरी को हराया, जो उस समय कांग्रेस की उम्मीदवार थीं, और 2013 की हार का बदला लिया। राजपूत 2018 से 2020 तक कमल नाथ कैबिनेट में राजस्व और परिवहन मंत्री भी थे। उन्होंने 2020 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग भी संभाला। राजपूत 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुरखी से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।