मध्यप्रदेश की राजनीति में तुलसी सिलावट की राजनीति ज्योतिरादित्य सिंधिया के ईद गिर्द घूमती है। वे इंदौर के रहने वाले हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अधीन मध्य प्रदेश के जल संसाधन और मत्स्य पालन कैबिनेट मंत्री हैं। उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है। सिलावट ने 2020 में मध्य प्रदेश के राजनीतिक संकट के दौरान भी सिंधिया का साथ देना चुना, जब सिंधिया के प्रति वफादार 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उनमें तुलसीराम सिलावट भी एक रहे। सिलावट मध्य प्रदेश विधानसभा में सांवेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2008 में उन्होंने बीजेपी की निशा प्रकाश सोनकर को 3,417 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी। हालांकि, 2013 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार राजेश सोनकर से 17,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। उन्होंने 2018 में वापसी की और सोनकर को 2,945 वोटों के अंतर से हराकर फिर से सीट जीती। उन्होंने 2020 के उपचुनाव में फिर से निर्वाचन क्षेत्र जीता। उन्होंने 2018 से 2020 तक कमलनाथ कैबिनेट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी कार्य किया। तुलसी राम सिलावट ने 1985 में पहली बार सांवेर से चुनाव जीता। हालांकि, वे 1990 और 1993 में सांवेर से लगातार दो चुनाव हार गए। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस उम्मीदवार रीना बौरासी सेतिया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।