भोपाल: कांग्रेस द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा एवं इसमें की जाने वाली छेड़छाड़ का आरोप लगाने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा ईवीएम से छेड़छाड़ गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं। मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को हुए मतदान के बाद ईवीएम की सुरक्षा एवं छेड़छाड़ पर कांग्रेस द्वारा उठाये जाने वाले सवाल के जवाब में चौहान ने यहां मुख्यमंत्री निवास पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘मीडिया है, जागरूक लोग हैं, सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों में सब तरह के लोग हैं। कोई ईवीएम में छेड़छाड़ कर सकता है क्या? ये कोई गुड्डा-गुडिया का खेल है जो कोई भी छेड़छाड़ कर देगा।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भरोसा भी नहीं होता। भारतीय राजनीति में कभी ऐसा नहीं हुआ कि चुनाव आयोग ने ईवीएम बदल दी हो। ये तकनीकी रूप से भी कहीं संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर संदेह करना ठीक नहीं है। एक नहीं, अनेक परिणाम ऐसे आये हैं कि उसी ईवीएम ने दूसरी पार्टी को भी जिताया है।
चौहान ने बताया कि कांग्रेस मतदान के दिन से ही अनर्गल प्रलाप कर रही है। मतदान के दिन तीन बजे ही मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी। मतदान के दिन और उसके बाद कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी का एक अभियान छेड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को अपनी विजय का विश्वास नहीं है। वह हार की पूर्व भूमिका तैयार कर रही है। इसलिए बौखलाकर हार का ठीकरा अभी से ईवीएम के माथे पर फोड़ रही है।’’
चौहान ने बताया, ‘‘आज हमने कैबिनेट में कुछ जरूरी विषयों की समीक्षा की। अधिकारियों को बुलाया और बातचीत की। लेकिन उस कैबिनेट के बारे में भी कांग्रेस द्वारा ऐसा हंगामा मचाया गया, जैसे भाजपा की सरकार कोई बड़ा असंवैधानिक काम कर रही हो। हमने अपने कर्तव्यों का पालन किया है और लगातार करते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में नीतिगत फैसले नहीं हो सकते लेकिन रूटीन का काम हम करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यूनमत समर्थन मूल्य के मामले एवं उर्वरक आपूर्ति के साथ-साथ धान व सोयाबीन खरीदी की समीक्षा की गई। जीका वायरस के कारण जो आशंका पैदा हुई थी, उसके बारे में समीक्षा की गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा शानदार बहुमत प्राप्त कर चौथी बार लगातार सरकार बनाएगी।