नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हारने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय राजनीति में उतरने से इंकार किया है। मध्य प्रदेश में शिवराज भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। शिवराज ने गुरुवार को भोपाल में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि वे केंद्र की राजनीति में नहीं जाएंगे, उन्होंने आगे कहा कि वे जिएंगे भी मध्य प्रदेश में और मरेंगे भी मध्य प्रदेश में।
पांचों राज्यों में एक राज्य मध्य प्रदेश ऐसा रहा जहां दोने ही पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है। मध्य प्रदेश में दोनो ही पार्टियां अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकीं लेकिन कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी का समर्थन मिलने से सरकार बनाने का मौका मिला है। मध्य प्रदेश के अंतिम चुनाव परिणामों में 230 में से कांग्रेस ने 114, भाजपा ने 109, बसपा ने 2, सपा ने 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 4 सीटों पर जीत हासिल की है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के मुकाबले अधिक वोट मिले लेकिन सीटें कम रहने की वजह से भाजपा को सरकार बनाने का मौका नहीं मिल पाया। चुनाव आयोग के मुताबिक भाजपा को कुल मिलाकर 1,56,42,980 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 1,55,95,153 वोट मिले।