भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों के लिये 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के सिलसिले में नाम वापसी के बाद कुल 2907 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। इस अहम चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्तारुढ़ भाजपा को उखाड़ने के लिये प्रयास कर रही है जबकि भाजपा ने लगातार चौथी दफा प्रदेश की सत्ता में आने के लिये 200 से ज्यादा सीटों जीतने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि नाम वापसी की अंतिम तारीख के बाद 230 विधानसभा सीटों के लिये विभिन्न दलों और निर्दलीय 2907 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं। वोटों का बिखराव रोकने के लिये कांग्रेस ने शुरुआत में बसपा और सपा के साथ गठबंधन करने का प्रयास किया था लेकिन बसपा और सपा के इसमें रुचि नहीं दिखाने के कारण गठबंधन नहीं हो सका।
प्रदेश में कांग्रेस, बसपा और सपा अकेले चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि इससे पहले के चुनावों में भी मध्यप्रदेश में दलों के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ था। कांग्रेस ने शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिये टीकमगढ़ जिले में एक सीट जतारा की छोड़ी है। शेष सभी 229 सीटों पर कांग्रेस ने अपने अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। बसपा और सपा ने प्रदेश में क्रमश: 227 और 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी पहली बार मध्यप्रदेश के चुनाव में उतरी है और इसमें 208 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। 1102 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य अजमा रहे हैं।
सत्तारुढ़ भाजपा ने भी प्रदेश में सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने चौथी बार प्रदेश में सत्ता आने का आह्वान करते हुए ''अबकी बार 200 पार'' का नारा दिया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, ‘‘पार्टी ने प्रदेश में एक बार 207 सीटों पर विजय हासिल की थी। इसलिये इस दफा भाजपा अध्यक्ष ने अबकी बार-200 पार का लक्ष्य दिया है। हमें पूरा विश्वास है कि हम इस लक्ष्य को हासिल कर प्रदेश में लगातार चौथी बार सरकार बनायेंगे।’’
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के झूठे वादों के चलते जनता में भाजपा के प्रति आक्रोश है। चुनाव में कांग्रेस 150 से अधिक सीटों पर विजय हासिल कर सरकार बनायेगी। कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के 15 साल के कुशासन को जनता के सामने लाया है। मध्यप्रदेश बसपा अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर होने का दावा करते हुए कहा कि दलित एकता के बल पर बसपा प्रदेश में 32 सीटों पर विजय हासिल करेगी। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयदेव सिंह यादव ने भी सपा के दस उम्मीदवारों की विजय का दावा किया। यादव ने कहा कि सपा उम्मीदवार बुदेलखंड, चंबल इलाकों सहित बालाघाट जिले में अच्छा प्रदर्शन करेगें।
नाम वापसी के बाद बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के भिण्ड जिले की मेहगांव सीट पर सबसे अधिक 34 उम्मीदवार चुनावी समर में हैं जबकि सबसे कम चार उम्मीदवार पन्ना जिले की गुन्नौर सीट पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा क्षेत्र बुधनी से उम्मीदवार है और उनके सामने मुख्य प्रतिद्वंदी पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से भाजपा को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को चार और निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटों पर विजय मिली थी। मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद प्रदेश में कुल 5,04,95,251 मतदाता हैं। इनमें 2,63,01,300 पुरुष, 2,41,30,390 महिला एवं 1,389 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। इसके साथ ही इसमें 62,172 सर्विस मतदाता हैं जो डाक मतपत्र से मतदान कर सकते हैं।