नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया है। कमलनाथ ने सबसे पहले किसान कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर किए और संबधित विभाग ने कर्ज माफी की अधिसूचना जारी कर दी।
अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2018 तक किसानों द्वारा राष्ट्रीय या सहकारी बैंकों से फसल ऋण के तौर पर लिए हुए 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ किया जाता है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। किसानों से यह वायदा पूरा करते हुए सोमवार को मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सबसे पहले यही काम किया है।
इससे पहले कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद रहे।
इनके अलावा तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी समारोह में शामिल हुए।
मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है। उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं।