भोपाल: राजनीतिक गलियारों में यह सवाल खूब पूछा जा रहा है कि यदि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिलती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा? किसी के दिमाग में पार्टी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम कौंध रहा है, तो कोई राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले कमलनाथ का नाम ले रहा है। दिग्विजय सिंह तो पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं, लेकिन क्या वाकई में ऐसा है? राजनीति को संभावनाओं का खेल कहते हैं, और यदि दिग्विजय के पक्ष में संभावनाएं बनीं तो क्या वह मुख्यमंत्री पद से इनकार करेंगे?
मध्य प्रदेश में आज भी बड़ा नाम हैं दिग्विजय
मध्य प्रदेश की राजनीति में दिग्विजय सिंह आज भी काफी प्रभावशाली हैं। कहा जा रहा है कि इस बार उनके समर्थकों को बड़ी संख्या में टिकट दिया गया है, और इस मामले में वह कमलनाथ और सिंधिया से भी आगे हैं। ऐसे में यदि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करती है, तो विधायक दल के नेता के तौर पर उनका नाम भी उछल सकता है। हालांकि ये सब सिर्फ राजनीतिक गलियारों की कयासबाजी है, लेकिन फिर भी दिग्विजय के नाम को उनके इनकार के बावजूद खारिज नहीं किया जा सकता।
2 बार कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र कांग्रेसी मुख्यमंत्री
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने अपने 2 कार्यकाल पूरे किए। ऐसा करने वाले वह सूबे के एकमात्र कांग्रेसी भी हैं। दिग्विजय 7 दिसंबर 1993 को पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनावों में भी जीत दर्ज की और लगातार दूसरी बार सूबे के मुख्यमंत्री बने। दिग्गी राजा ने इस तरह 7 दिसंबर 1993 से लेकर 7 दिसंबर 2003 तक सूबे पर शासन किया। 2003 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद उन्होंने 10 साल के लिए चुनावी राजनीति छोड़ने का संकल्प लिया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया।
चुनावों पर इंडिया टीवी की विशाल कवरेज :
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018