नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकटों के वितरण पर फैसला अभी भी बाकी है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने के फैसले को दोहराया है। ऐसे में अब जो दर्जनभर नेता यहां-वहां से आए हैं, उनके टिकट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं, दूसरे दलों के नेताओं को लाने वाले कांग्रेस नेता टिकट की जुगाड़ की कोशिशें पूरी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति बैठक हुई। इस बैठक में जमकर बवाल हुआ।
बैठक में अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में भिड़े गए। सिंधिया और दिग्विजय के बीच राहुल की मौजूदगी में हुई तेज़ झड़प। काफी देर तक दोनों के बीच तू-तू मैं मैं होती रही और जब बात नहीं बनी तो दोनों के बीच विवाद सुलझाने के लिए राहुल को तीन सदस्यीय समिति बनानी पड़ी।
तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्यों अशोक गहलोत, वीरप्पा मोइली और अहमद पटेल ने पार्टी के वॉर रूम 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड में रात 2.30 बजे तक मामले को सुलझाने के लिए बैठक की। सभी नेताओं को इस विवाद पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस तू-तू मैं मैं से राहुल काफी नाराज़ हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिग्विजय सिंह का एक विवादित वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें दिग्विजय यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि उनके भाषणों से कांग्रेस का वोट कटता है, इसलिए वह चुनाव प्रचार करने नहीं जाते। दिग्विजय का यह वीडियो मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब डेढ़ महीने पहले मीडिया में वायरल हुआ।
इस वीडियो में दिग्विजय प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक जीतू पटवारी के भोपाल स्थित निवास से बाहर निकलते हुए कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक रूप से बात करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में दिग्विजय साफ शब्दों में कार्यकर्ताओं से कह रहे है, देखो, ख्वाब देखते रह जाओगे अगर काम नहीं किया तो। जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को मिले, उसे जिताओ। और मेरा काम केवल एक है- कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कटते हैं। इसलिए मैं कहीं प्रचार के लिए जाता ही नहीं।