तिरुवनंतपुरम: पुलिस ने 21 वर्षीय युवक को तब गिरफ्तार कर लिया जब मंगलवार को लोकसभा चुनाव में यहां उस बूथ में ईवीएम में गड़बड़ी की उसकी शिकायत झूठी मिली। पुलिस ने बताया कि इबिन बाबू नामक युवक पर भादंसं की धारा 177 के तहत मामला दर्ज किया गया था। लड़के की शिकायत के बाद जब निर्वाचन अधिकारियों ने ‘‘टेस्ट वोटिंग’’ की तो उसकी शिकायत झूठी पाई गई। पुलिस ने कहा कि यद्यपि युवक को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
बाबू ने निर्वाचन अधिकारियों से शिकायत की कि उसने एक विशेष उम्मीदवार को वोट किया था, लेकिन वीवीपैट ने दूसरे उम्मीदवार को वोट डलते दिखाया। पीठासीन अधिकारी और पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में एक टेस्ट वोट किया गया जिसमें शिकायत झूठी होने की बात सामने आई। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि ईवीएम को लेकर बढ़ती झूठी शिकायतों और आरोपों के मद्देनजर आरोपी युवक को पुलिस को सौंप दिया गया।
विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बूथ पर मतदान अधिकारियों से शिकायतें लिखित में लेने के लिए कहा गया है। जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी के. वासुकी ने कहा, ‘‘पीठासीन अधिकारी ने इबिन को चुनाव नियम 1961 के तहत निर्वाचन अधिकारियों और एजेंटों की मौजूदगी में टेस्ट वोट डालने की अनुमति दी। जब टेस्ट वोट में यह बात सामने आयी कि आरोप झूठा था तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।’’
राज्य में सभी 20 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। राज्य के अलपुझा जिले और राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के चेर्थला में मतदान के शुरूआती घंटों में कुछ बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा ने वोटिंग मशीनों में व्यापक तकनीकी मुद्दे होने की बात खारिज कर दी और कहा कि केवल कुछेक मामलों की जानकारी आई है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला कलेक्टरों को मुद्दों को ठीक करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने मतदाता के खिलाफ मामला दर्ज करने के चुनाव आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे कदम विस्तृत जांच के बाद ही उठाये जाने चाहिए। उन्होंने कह कि शिकायतकर्ताओं के खिलाफ आयोग का कदम स्वीकार नहीं किया जा सकता।