लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए 72 घंटे के बैन के बीतने के बाद अपना ‘मौन’ तोड़ दिया है। ‘अली बजरंगबली’ बयान को लेकर चुनाव आयोग ने यूपी के सीएम पर चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी थी। बैन की अवधि खत्म होने के बाद योगी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट्स की झड़ी लगा दी। हालांकि खास बात यह रही कि बैन खत्म होने के बाद उनका सबसे पहला ट्वीट बजरंगबली को ही समर्पित रहा।
बैन के बाद पहला ट्वीट बजरंगबली के नाम
योगी ने ट्विटर पर हनुमान जयंती की बधाई देते हुए लिखा, ‘हनुमान जी में मेरी अटूट आस्था है और संकटमोचन में इस आस्था के बीच कोई नहीं आ सकता। उनका दृढ़ संकल्पित, समर्पित जीवन मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत है। नासै रोग हरै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा। अतुलित भक्ति और अपरिमित शक्ति के प्रतीक श्री हनुमान जी की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं।’
‘आस्था को राजनीति से जोड़कर न देखा जाए’
योगी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नही देखा जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता।’
‘मैंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया’
योगी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि उन्होंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया और उसे समुचित आदर दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राष्ट्र की संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों का मान भाजपा की विचारधारा का अभिन्न अंग है, विगत 72 घण्टों में मैंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया और उसे समुचित आदर दिया।’
आम आदमी के घर किया भोजन
योगी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने दलित बस्ती सुसहटी में रहने वाले शख्स महावीर के यहां भोजन की तस्वीर शेयर की। योगी ने वहां पर भिंडी, तरोई की सब्जी और चावल, दाल, रोटी खाई थी। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री जी की जनकल्याणकारी योजनाओं से जन जन कितने प्रसन्न हैं भाई महावीर और उनके परिवार से मिलकर पता चला। उनकी पत्नी सावित्री द्वारा बनाया गया सादा सुस्वादु भोजन ग्रहण कर प्रसन्नता हुई। समाज के आखिरी पायदान पर बैठे वंचितों के जीवन मे ऐसी खुशियां हों, यही भाजपा का लक्ष्य है।'
'मेरी धार्मिक पहचान हिंदू है'
योगी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उनकी धार्मिक पहचान हिंदू है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे रग-रग में राम, कण-कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म व कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है। आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है,वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है।’