वायनाड: केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के राहुल गांधी के निर्णय से नाखुश वामदलों ने बुधवार को कहा कि वे उन्हें सिखाएंगे कि ‘‘जमीन पर चुनाव कैसे लड़ा जाता है।’’ हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि राज्य में उसके अध्यक्ष की जीत को कुछ भी प्रभावित नहीं करेगा। गांधी बुधवार रात को कोझीकोड पहुंचेंगे। वह बृहस्पतिवार की सुबह साढे ग्यारह बजे कलपेट्टा में वायनाड जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन भरेंगे।
गांधी के वायनाड सीट से नामांकन पत्र भरने की पूर्व संध्या पर भाकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हम यह चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे।’’ केरल में वामपंथी दलों के गठबंधन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने वायनाड संसदीय क्षेत्र से भाकपा के पी पी सुनीर को उतारा है। इस क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें से वायनाड और मलपुरम जिलों की तीन तीन और कोझीकोड जिले की एक सीट शामिल है।
भाकपा के वायनाड जिले के नेता विजयन चेरूकारा ने कहा कि एलडीएफ उम्मीदवार ने प्रचार के लगभग तीन चरण पूरे कर लिए हैं और वह करीब चार पांच लाख मतदाताओं से सीधे तौर पर जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि चौथे चरण में परिवारों से मिला जाएगा और यह दो दिन में शुरू होगा। वामदलों का मानना है कि क्षेत्र की जनता गांधी जैसे व्यक्ति को नहीं चुनेगी क्योंकि वह राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में व्यस्त कार्यक्रम के कारण उनके मुद्दों पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाएंगे।
चेरूकारा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी अदृश्य भगवान की तरह हैं। उनके लिए अपने पारिवारिक गढ़ अमेठी (उत्तर प्रदेश) से जीतना आसान होगा। लेकिन वायनाड की धरती कुछ अलग है। हम उन्हें सिखाएंगे कि जमीन पर चुनाव कैसे लड़े जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि गांधी के केरल से चुनाव लड़ने के फैसले से कुछ वाम नेताओं का मनोबल गिरा है लेकिन ‘‘हमारे कार्यकर्ता ज्यादा ऊर्जावान हैं और चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।’’
चेरूकारा ने कहा कि वाम कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और भाजपा की ‘‘किसान विरोधी, आदिवासी विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों’’ के खिलाफ जमीन पर अभियान शुरू किया है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि वायनाड में ‘‘राहुल गांधी के खिलाफ कुछ भी काम नहीं करेगा।’’ वायनाड जिला कांग्रेस महासचिव डी पी राजशेखरन ने कहा कि वायनाड से कांग्रेस की उम्मीदवारी ने राज्य में कांग्रेस नीत यूडीएफ के कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर दी है और उनकी उपस्थिति ही मोर्चे को राज्य की सभी 20 लोकसभा सीटें जीतने में मदद करेगी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्य ‘इंटक’ प्रमुख आर चंद्रशेखरन ने कहा कि लोग विशेष रूप से किसान राज्य और केन्द्र सरकार की किसाना विरोधी और श्रम विरोधी नीतियों से नाराज हैं।