लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। सोमवार को योगी ने राज्यपाल राम नाइक से अपने ही मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। नाईक ने मंत्रिमण्डल के सदस्य ओम प्रकाश राजभर, मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास को तात्काल प्रभाव से प्रदेश मंत्रिमण्डल की सदस्यता से पदमुक्त कर दिया। नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से मुक्त करने के लिए अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
साथ ही राजभर की पार्टी के बाकी सदस्यों को निगमों और परिषदों से भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। राजभर पर यह कार्रवाई बीजेपी के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के बाद की गई है। आपको बता दें कि राजभर ने लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे और लगातार अपनी ही सरकार और बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। वहीं, इसके जवाब में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनके उनके खिलाफ यह कार्रवाई जल्दबाजी में की गई है। उन्होंने कहा कि वह अपने अधिकार के लिए निकले हैं, डिगेंगे नहीं। राजभर ने कहा, 'हम मुख्यमंत्री जी द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमने 13-14 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था।’
राजभर ने लोकसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब उन्होंने मेरी पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी तभी मैं जान गया था। वे चाहते थे कि हम उनकी पार्टी से चुनाव लड़ें लेकिन हमने इनकार कर दिया था।' राजभर के अलावा उनकी पार्टी के 7 सदस्यो को भी निगम और परिषदों से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। लोकसभा चुनावों के दौरान बागी तेवर अपनाने के बाद से ही राजभर की मंत्रिमंडल से विदाई लगभग तय मानी जा रही थी।