मिदनापुर: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए पूर्व माओवादियों की पलटन और कट्टरपंथियों से लड़ चुके लोगों को एकजुट किया है। कभी माओवादियों का गढ़ रहे जंगलमहल के अंतर्गत झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बांकुरा तथा पुरुलिया जिले आते हैं। राजनीतिक दल ने जो पलटन तैयार की है उसमें माओवादी समर्थित पुलिस अत्याचार विरोधी जन सामिति (पीसीएपीए) के सदस्य हैं तो कुछ ‘जन जागरण मंच’ जैसे ग्राम प्रतिरोधक गुट के लोग भी शामिल है जिसने 2010-12 में उग्रवादियों से लोहा लिया था।
ऐसे लोगों को एकजुट करने वाले तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम मिदनापुर जिले के अध्यक्ष अजित मैत्री ने कहा कि ऐसा बल इस समय की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा के खिलाफ लड़ाई राजनीति के साथ ही विचारधारा की भी है। मैत्री ने कहा,‘‘भाजपा जैसी कैडर आधारित पार्टी से लड़ने के लिए आपको कैडर आधारित पलटन की ही जरूरत है। पूर्व माओवादी, पीसीएपीए के सदस्यों को जमीनी हकीकत की बेहतर समझ है साथ ही उन्हें जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने तथा विचारधारा से जुड़े संदेशों की काट के तरीके भी पता हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनमें बेहतरीन संगठनात्मक कौशल है। इसलिए हमने उन्हें एक साथ लाने की सोची ताकि जन संपर्क के लिए एक बेजोड़ पलटन तैयार की जा सके।’’ मैत्री कहते हैं कि भाजपा के खिलाफ प्रचार के लिए कम से कम 200 लोगों का दल पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम में है।
तृणमूल के बिनपुर ब्लॉक के अध्यक्ष श्याम लाल महतो लालगढ़ तथा मिदनापुर में पीसीएपीए के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं। वह स्वीकार करते हैं कि लोग स्थानीय नेतृत्व से खफा हैं। वह कहते हैं,‘‘पश्चिम मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी दुश्मन है भाजपा और आरएसएस। पिछले कुछ वर्षों से विपक्ष के कमजोर होने से भाजपा ने जिले में घुसपैठ की है और वह आदिवासी लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’
‘जन जागरण मंच’ के संस्थापकों में से एक निशीत महतो कहते हैं, ‘‘मैं अपने क्षेत्रों में खासतौर पर आदिवासियों के बीच काम कर रहा हूं। हमारे पार्टी के नेताओं की कुछ गलतियों के कारण भाजपा और आएसएस यहां तक पहुंच गई है। लेकिन हमने उन गलतियों को सुधारा है।’’
इस नेटवर्क के सदस्यों से घर-घर जा कर उन कारणों का पता लगाने को कहा गया है जिससे भाजपा का आधार बढ़ा है। मिदनापुर और झाड़ग्राम में 12 मई को चुनाव होना है।