नई दिल्ली: वाराणसी लोकसभा सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तेज बहादुर यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से उन्हें रोकने के लिए उनके नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में रोड़े अटका रही है।
बता दें कि आज (बुधवार को) ही चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव के नामांकन को रद्द किया है। तेज बहादुर यादव पर 2 शपथपत्र में जानकारी छुपाने का आरोप है, दरअसल तेज बहादुर यादव ने निर्दलीय और फिर महागठबंधन की तरफ से दो बार नामांकन दाखिल किया। एक नामांकन में उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की वजह से उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त किया गया जबकि दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी।
तेज बहादुर यादव ने कहा कि ‘‘मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल कि था और सपा के उम्मीदवार के तौर पर 29 अप्रैल को नामांकन किया था। अगर नामांकनों में कोई दिक्कत थी तो मुझे पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई।'' यादव ने कहा,‘‘मुझे चुनाव लड़ने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि देश का नकली चौकीदार असली चौकीदार से भयभीत है।’’
पूर्व सैनिक ने ये भी कहा कि उनसे इस मामले में जो प्रमाण मांगे गए थे वो हमने आयोग के सामने पेश किए हैं लेकिन फिर भी नामांकन को रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 'हमें बताया गया है कि हमसे 11 बजे से पहले जो साक्ष्य मांगे थे, वे पेश नहीं किए हैं। जबकि, हमने सबूत पेश किए थे।'
वहीं, तेज बहादुर यादव के वकील ने भी इसी बात का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 'हमसे दो सबूत मांगे गए थे हमने वो जमा किए थे लेकिन फिर भी नामांकन रद्द कर दिया गया। अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।'