वाराणसी। वाराणसी लोकसभा सीट पर महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। तेज बहादुर यादव पर 2 शपथपत्र में जानकारी छुपाने का आरोप है, दरअसल तेज बहादुर यादव ने निर्दलीय और फिर महागठबंधन की तरफ से दो बार नामांकन दाखिल किया। एक नामांकन में उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की वजह से उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त किया गया जबकि दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी।
नामांकन रद्द किए जाने के फैसले पर वाराणसी के डीएम ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले अगर किसी व्यक्ति को पिछले 5 साल के दौरान केंद्र या राज्य सरकारी की नौकरी से निकाला गया हो तो उसे चुनाव आयोग को यह प्रमाण देना पड़ता है कि उसे भ्रष्टाचार या गैर वफादारी की वजह से नहीं हटाया गया है, डीएम ने कहा कि तेज बहादुर यादव से भी यही प्रमाण मांगा गया था, लेकिन आज सुबह 11 बजे तक उनकी तरफ से प्रमाण नहीं दिया गया जिस वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है।
इस फैसले पर तेज बहादुर ने कहा कि चुनाव आयोग के कहे अनुसार उन्होंने प्रमाण पेश किए थे लेकिन इसके बावजूद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया, उन्होंने कहा कि वह आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
तेज बहादुर यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से उन्हें रोकने के लिए उनके नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में रोड़े अटका रही है। इस पर यादव ने कहा, ‘‘मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल कि था और सपा के उम्मीदवार के तौर पर 29 अप्रैल को नामांकन किया था। अगर नामांकनों में कोई दिक्कत थी तो मुझे पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई।'' यादव ने कहा,‘‘मुझे चुनाव लड़ने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि देश का नकली चौकीदार असली चौकीदार से भयभीत है।’’
गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था। यादव ने कुछ विडियो पोस्ट किए थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते।
इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। 19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी।