कोलकाता: संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को हुई विपक्ष की रैली की सफलता की कामना की और कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव लोकतंत्र में देश का विश्वास बहाल करने के लिए तथा‘‘अभिमानी और विभाजनकारी’’ नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ने का चुनाव है। सोनिया गांधी और उनके पुत्र तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कोलकाता की रैली में शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आयोजित इस रैली के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए पार्टी नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अभिषेक मनु सिंघवी को भेजा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़ा। सोनिया ने अपने संदेश में कहा, ‘‘ आगामी लोकसभा चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं होगा। यह चुनाव लोकतंत्र में देश का विश्वास बहाल करने, अपनी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं और विरासतों को बचाने तथा उन ताकतों को हराने के लिए है जो भारत के संविधान को बर्बाद करना चाहते हैं।’’
उन्होंने विपक्ष की रैली को ‘'अभिमानी और विभाजनकारी नरेंद्र मोदी सरकार से मुकाबला करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को एकजुट करने का महत्वपूर्ण प्रयास’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके पूरी तरह से सफल होने की कामना करती हूं।’’ सोनिया ने कहा कि देश के किसानों पर संकट मंडरा रहा है और यह सीमाओं तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि युवा बेरोजगार हैं और मछुआरे भारी घाटे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि हमारे नागरिक आर्थिक रूप से मुश्किल में हैं और हमारे संस्थानों को राजनीतिक रूप से कमतर किया गया है तथा बहुलतावादी ताने-बाने को बर्बाद कर दिया गया है।