मुंबई: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव नतीजों की 23 मई को घोषणा होने के बाद यदि भाजपा ने अगली सरकार बनाने की कोशिश की, तो उसका अटल बिहारी वाजपेयी के 13 दिनों की सरकार जैसा ही हश्र होगा। पवार ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भाजपा को यदि नई सरकार गठन करने का न्यौता मिलता भी है तो वह लोकसभा में बहुमत साबित कर पाएगी।
राकांपा प्रमुख ने एक मराठी टीवी चैनल से कहा कि मतगणना से एक या दो दिन पहले विपक्षी नेता दिल्ली में जुटेंगे और केंद्र में स्थायी सरकार देने के बारे में चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि 1996 के आम चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। वाजपेयी ने 16 मई 1996 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाने के चलते उनकी सरकार 13 दिनों तक ही चल पाई थी।
पवार ने कहा कि इस बार भाजपा को यदि राष्ट्रपति ने सरकार गठन का न्यौता दिया तो वह लोकसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘वह (राष्ट्रपति) उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन, 15 दिन या तीन हफ्तों का समय देंगे। मुझे नहीं लगता कि भाजपा बहुमत साबित कर पाएगी।’’
पवार ने कहा कि जिस तरह से अटल जी 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री रहे थे, हमें (इस बार भी) 13या 15 दिनों की भाजपा सरकार देखने को मिल सकती है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि विपक्षी दलों ने इस चुनाव में प्रधानमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं पेश किया है और अलग-अलग चुनाव लड़ा, जैसा कि उन्होंने 2004 में भी किया गया था।