भोपाल: भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने 21 पहर (63 घंटे) का मौन व्रत तोड़ने के तुरंत बाद बृहस्पतिवार को कहा कि अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) पर बढ़त से वह बेहद खुश हैं। मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से 102144 मतों से आगे चल रहीं हैं।
प्रज्ञा ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मतदाताओं ने जो जवाब दिया है, उससे मैं बेहद खुश हूं।’’ इस दौरान उसके समर्थक ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहे थे। 20 मई की सुबह 21 पहर (63 घंटे) का मौन व्रत धारण करने के बाद प्रज्ञा ने ट्वीट किया था, ‘‘मतदान की प्रक्रियाओं के उपरान्त अब समय है चिंतन मनन का। इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रायश्चित हेतु 21 प्रहर का मौन व कठोर तपस्यारत हो रही हूं। हरिः ॐ।’’
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयानों से राजनीतिक महौल में गर्मी ला दी थी। उनका एक बयान था कि उन्होंने मुम्बई एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को श्राप दिया था और इसके एक माह बाद आतंकवादियों की गोलियों से उनकी मौत हो गयी। साध्वी प्रज्ञा ने यह भी बयान दिया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान बाबरी मस्जिद का ढांचा ढ़हाने में शामिल होने पर उन्हें गर्व है।
साध्वी प्रज्ञा की इन बयानों की सभी ने आलोचना की थी। यहां तक कि उनके दल भाजपा ने भी स्वयं को उनके बयानों से अलग कर लिया। चुनाव आयोग ने साध्वी के शहीद करकरे पर दिये गये बयान पर कार्रवाई करते हुए उन पर चुनाव प्रचार से 72 घंटे के लिए प्रतिबंध भी लगाया था।
हाल ही में साध्वी प्रज्ञा फिर खबरों में तब आईं जब उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। उनके इस बयान की भी सभी ने निंदा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां तक कहा कि साध्वी ने हालांकि इस पर माफी मांग ली है लेकिन वह उन्हें मन से माफ नहीं कर पाएंगे।