भोपाल। साध्वी प्रज्ञा ने शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिया अपना बयान वापस ले लिया है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मेरे बयान से मैं दुश्मन को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं। साध्वी ने कहा कि करकरे पर मेरा बयान बिल्कुल निजी है क्योंकी पीड़ा भी मैनें सही, उन्होंने कहा कि यह बयान बिल्कुल मेरा निजी बयान था।
इससे पहले मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी से भाजपा ने किनारा कर लिया है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा है, ''भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है। जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ में बयान का विषय है, वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा।''
गौरतलब है कि साध्वी ने शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर विवादित बयान दिया था। भोपाल में साध्वी ने कहा कि मैंने हेमंत करकरे से कहा था कि तुमने मुझे इतनी यातनाएं दीं कि तेरा सर्वनाश होगा। गिरफ्तारी के ठीक सवा महीने बाद आतंकियों ने उनका अंत कर दिया। आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमलों में शहीद हो गए थे। हेमंत करकरे मालेगांव धमाके के जांच अधिकारी भी थे और उन्होंने धमाकों के लिए साध्वी प्रज्ञा पर आरोप लगाए थे जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया था।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “हेमंत करकरे को जांच आयोग के सदस्य ने बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, तब करकरे ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा लेकिन सबूत लेकर आऊंगा। मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। ये उसकी कुटिलता थी, ये देशद्रोह था।“