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राहुल गांधी ने वायनाड में पापनाशिनी के तट पर मंदिर में किया ‘बलि तर्पणम’

कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अस्थिकलश को यहां ‘पापनाशिनी’ में विसर्जित किए जाने के करीब तीन दशक बाद बुधवार को उसके तट पर उन्हें और अपने अन्य पूर्वजों के लिए ‘बलि तर्पणम’ अनुष्ठान किया।

Reported by: PTI
Published on: April 17, 2019 17:28 IST
Congress President Rahul Gandhi offers prayers at...- India TV Hindi
Congress President Rahul Gandhi offers prayers at Thirunelli Temple ahead of Lok Sabha elections, in Wayanad

वायनाड (केरल): कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अस्थिकलश को यहां ‘पापनाशिनी’ में विसर्जित किए जाने के करीब तीन दशक बाद बुधवार को उसके तट पर उन्हें और अपने अन्य पूर्वजों के लिए ‘बलि तर्पणम’ अनुष्ठान किया। लोकसभा चुनाव प्रचार के तहत केरल के दो दिन के तूफानी दौरे पर आए गांधी ने प्रसिद्ध तिरुनेली मंदिर में पूर्जा अर्चना के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाला। उन्होंने पिछली सात पीढ़ियों के पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए यह पावन विधान किया।

‘दक्षिण के काशी’ के रूप में चर्चित तिरुनेली मंदिर सुंदर घाटी की गोद में है और उसके चारों ओर पहाड़ियां एवं घने जंगल हैं। यह मंदिर भगवान महाविष्णु को समर्पित है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस मंदिर से सटी ‘पापनाशिनी’ नदी में पूर्वजों के लिए ‘बलि तर्पणम’ करना बड़ा पावन होता है।

इस बार अपने पारंपरिक पारिवारिक गढ़ अमेठी के अलावा वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे गांधी बुधवार सुबह हेलीकॉप्टर से इस मंदिर में पहुंचे। उनके साथ पार्टी के कई नेता भी थे। पारंपरिक धोती और ‘कसावू’ (शॉल) में आए 49 वर्षीय नेता मंदिर के गर्भगृह में भगवान के सामने नतमस्तक हुए और ‘हुंडी’ में ‘कनिक्का’ अर्पित किया। पुरोहित से इस प्राचीन मंदिर के विधि-विधानों और परंपराओं के बारे में चर्चा करने के बाद गांधी वहां से करीब 700 मीटर दूर नदी की ओर गए।

जब गांधी जंगल में उबड़-खाबड़ रास्ते से गुजर रहे थे तब सुरक्षा अधिकारियों को बड़ी मुश्किल हुई। यह जंगल माओवादियों की मौजूदगी को लेकर चर्चा में है। टेलीविजन पर गांधी मंत्रोच्चार कर रहे पुरोहित की बात सुनते और तर्पणम के लिए उसके निर्देशों का पालन करते हुए नजर आए। राजीव गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए भी अनुष्ठान किए गए।

गांधी इस मंदिर में करीब 45 मिनट रहे और फिर उसके बाद वह पार्टी की एक जनसभा के लिए वहां से करीब 45 किलोमीटर दूर सुल्तान बाथेरी चले गए। मंदिर में उनके साथ रहे कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजीव और इंदिरा के अलावा कांग्रेस प्रमुख ने पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों और अन्यत्र अपनी जान गंवाने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी अनुष्ठान किया।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी ने कहा कि गांधी ने वायनाड की अपनी पिछली यात्रा के दौरान ही इस धर्मस्थल पर पूजा अर्चना करने की गहरी इच्छा प्रकट की थी लेकिन हम ऐसा नहीं करा पाए।

उल्लेखनीय है कि 1991 में राजीव गांधी का अस्थिकलश यहां लाकर पापनाशिनी नदी में विसर्जित किया गया था। राजीव गांधी 21 मई, 1991 को चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बदुर में बम विस्फोट में मारे गए थे।

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