बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन में असंतोष की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को अपनी पार्टी और जदएस के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में गठबंधन को जिताने के लिए मिलकर संघर्ष करने को कहा, क्योंकि उनका लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देना है। गांधी की एकता की अपील कांग्रेस-जदएस गठबंधन में इन चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है कि राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी के अंदर असंतोष से चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है।
गांधी ने कहा, ‘‘कांग्रेस और जदएस कर्नाटक में मिलकर चुनाव लड़ रही है। शुरू में ही मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेडीएस के उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए और जेडीएस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को कांग्रेस प्रत्याशियों का समर्थन करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘दोनों पार्टियों का लक्ष्य नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराना है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने बेंगलुरु के बाहरी इलाके में एक रैली के साथ ही राज्य में कांग्रेस-जदएस के प्रचार अभियान का शंखनाद किया। इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जदएस संरक्षक एचडी देवगौड़ा, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रही। गांधी ने नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराने के लिए साथ आने के लिए कांग्रेस और जेडीएस का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई है और दिल्ली में भी हम नरेंद्र मोदी को हराएंगे।’’
कांग्रेस और जेडीएस ने पिछले साल मई में हुआ विधानसभा चुनाव एक दूसरे के खिलाफ लड़ा था लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए गठबंधन कर लिया था क्योंकि चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिला था। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन उसे सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या हासिल नहीं हुई थी। तुमकुर, मांडया, हासन समेत कई अहम निर्वाचन क्षेत्रों में गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और पार्टी कार्यकर्ता सीट बंटवारे से नाखुश हैं।
देवगौड़ा तुमकुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके पोते निखिल कुमारस्वामी और प्रजवाल रेवन्ना क्रमश: मांडया और हासन से चुनाव मैदान में है। निखिल मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे हैं। कांग्रेस प्रमुख ने ‘येदियुरप्पा डायरी’ का मुद्दा भी उठाया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को 1,800 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत दिए। उन्होंने कहा, ‘‘1800 करोड़ रुपये...येदियुरप्पा ने अपनी डायरी में बांटे हैं, यह कहां से आए? किसका पैसा है यह?.... यह कहां से आया? यह कर्नाटक के लोगों की जेब से आया।’’
येदियुरप्पा ने आरोपों का खंडन किया है जबकि आयकर विभाग ने इसे ‘जाली दस्तावेज’और मामूली कागजात बताकर खारिज किया है। गांधी ने आरोप लगाया कि बीते पांच साल में मोदी ने किसानों, मजदूरों, छोटे कारोबारियों और युवाओं के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने अपने 15 बड़े उद्योगपतियों के लिए सबकुछ किया।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे का हवाला देकर कहा, ‘‘चौकीदार ने दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा अनुबंध अनिल अंबानी को दे दिया। 30,000 करोड़ रुपये उनकी जेब में डाल दिए गए।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सभी कानून तोड़े, खुले तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल रहे और रात डेढ़ बजे सीबीआई निदेशक को हटा दिया।’’ गांधी ने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार ने 15-20 लोगों का 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन पैसा गरीबों को नहीं दिया जाता। यह किसानों, मजदूरों और युवा उद्यमियों को नहीं दिया जाता है।’’ गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘यह (पैसा) अनिल अंबानी, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या और ललित मोदी को दिया जा सकता है।’’ अपने भाषण में देवगौड़ा ने मोदी सरकार को ‘बेहद सांप्रदायिक’ बताते हुए कहा कि सरकार आरएसएस के ‘हिन्दू राष्ट्र’ के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।