पुणे: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा उनकी सबसे अच्छी दोस्त हैं और उनसे कोई लड़ाई नहीं हो सकती। नेताओं की सेवानिवृत्ति की उम्र के बारे में यहां एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि नेताओं के राजनीति से सन्यास लेने के लिए 60 साल की उम्र सही है।
राहुल ने यहां छात्रों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार को हिंसा से प्रभावित होते देखा है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी की हत्याओं का जिक्र किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी छोटी बहन के साथ बचपन की यादों को साझा किया। प्रियंका को कुछ ही महीने पहले ही पार्टी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कभी प्रियंका से झगड़ा या कहासुनी हुई , उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआत में झगड़ा हुआ होगा। लेकिन अब नहीं होता। बचपन से ही मैं अपनी दादी मां और अपने पिता की हत्याओं के साथ काफी हिंसा के दौर से गुजरा हूं।’’
राहुल ने कहा, ‘‘मेरी बहन मेरी दोस्त है और हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं। यदि कभी कहासुनी की नौबत आई भी तो कभी वह पीछे हट जाती, तो कभी मैं पीछे हट जाता। ’’ उन्होंने अपनी बहन को ‘‘सबसे अच्छी दोस्त’’ बताते हुए कहा , ‘‘हम जीवन भर साथ रहेंगे।’’
रक्षा बंधन का त्यौहार मनाने के बारे में राहुल ने कहा कि वह एक असमान्य नियम का पालन करते हैं और अपनी कलाई पर तब तक राखी रहने देते हैं, जब तक उसके धागे खुद ही टूट नहीं जाते। उन्होंने कहा, ‘‘वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेम करते हैं और उनके प्रति कोई वैमनस्य या नफरत नहीं रखते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, मैं पीएम के प्रति कोई नफरत या गुस्सा नहीं रखता। वह भी ऐसा नहीं सोचते।’’ उनकी टिप्पणी के ठीक बाद ‘‘मोदी, मोदी’’ के कुछ नारे भी सुनने को मिले, इस पर राहुल ने कहा, ‘‘अच्छा है...ठीक है।’’
अपने बचपन की यादों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी दादी मां (इंदिरा गांधी) के कमरे में परदे के पीछे छिप जाया करता था और जब अंदर प्रवेश करती थी तो उन्हें चौंका देता था। लेकिन वह जानती होंगी कि मैं कमरे में हूं और वह महज भयभीत होने का दिखावा करती थी।’’