सुचेतगढ़ (जम्मू कश्मीर): केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर कोई जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की बात करता है तो सरकार के पास राज्य को विशेष दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। गृह मंत्री का यह बयान नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के एक बयान के एक सप्ताह बाद आया है।
उमर ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को बहाल रखने के लिए कड़ी मेहनत करेगी, जिसमें एक सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) और वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) का होना शामिल है। उमर के इसी बयान पर राजनीथ सिंह ने हमला बोला। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस से इस बारे में स्पष्टीकरण देने को भी कहा कि वह इस तरह की मांगों का समर्थन करती है या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा हो, उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। अगर कोई इस तरह की बात करता है तो हमारे पास अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा।’’ राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि क्या वह इस बात को कबूल करती है कि देश में दो प्रधानमंत्री होने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की चीजें लगातार नहीं चल सकतीं। इन्हें रोकना होगा।’’ गृह मंत्री ने ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बच्चों का भविष्य देखते हुए हमने पहली बार पथराव की घटनाओं में शामिल 8000 युवकों को माफ कर दिया है लेकिन कुछ लोग लगातार पत्थरबाजों को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये सबसे बड़े अपराधी हैं।’’