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चुनाव आयोग का ऐतिहासिक फैसला, पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक, ममता ने बताया 'अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक'

पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने बुधवार को चुनाव प्रचार पर दो दिन पहले ही रोकने की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने गुरुवार रात 10 बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लगाई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 15, 2019 23:57 IST
No election campaigning to be held in 9 parliamentary constituencies of West Bengal: Election Commis- India TV Hindi
No election campaigning to be held in 9 parliamentary constituencies of West Bengal: Election Commission

नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मंगलवार को हुयी चुनावी हिंसा के मद्देनजर राज्य में अंतिम चरण के मतदान के लिये निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने का अप्रत्याशित फैसला किया है। पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होना है। चुनाव आयोग ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी करते हुये कहा कि पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जायेगा। उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो। 

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें, दम दम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता पश्चिम लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं। पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जायेगा। लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुये आयोग ने राज्य में 16 मई को रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा। 

आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ हुयी हिंसक झड़प की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये यह कार्रवाई की है। कुमार ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को हुयी हिंसक झड़प के दौरान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चुनाव आयोग ने गंभीर नाराजगी प्रकट करते हुये प्रचार अभियान को समय से पहले रोकने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह संभवत: पहला मौका जब आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ी हो।’’इस बीच आयोग ने राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है। 

इसके अलावा आयोग ने पश्चिम बंगाल में तैनात प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के दो अधिकारियों को भी सेवामुक्त कर इन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का आदेश दिया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल कीखुफिया शाखा (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को सेवा मुक्त कर केन्द्रीय गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया है। उन्हें 16 मई को सुबह दस बजे तक मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है। साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को भी सेवामुक्त कर उनका प्रभार राज्य के मुख्य सचिव को सौंपने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को शाह के रोड शो के बाद कोलकाता में व्यापक पैमाने पर हुयी हिंसक घटनाओं के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नाजुक हो गयी है। हिंसा के दौरान महान समाज सुधारक और पश्चिम बंगाल के आदर्श पुरुष के रूप में विख्यात ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 19वीं सदी की एक प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त की गयी। 

बंगाल में समय से पहले प्रचार थामना असंवैधानिक, आयोग का मोदी को उपहार: ममता

पश्चिम बंगाल में मतदान के आखिरी चरण में प्रचार की अवधि पहले ही समाप्त करने पर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि यह आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार दिया है जो ‘अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक’ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इस तरह का चुनाव आयोग नहीं देखा जो ‘आरएसएस के लोगों से भरा पड़ा’ है। बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है कि अनुच्छेद 324 लागू किया जाए। यह अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक है। यह दरसअल मोदी और अमित शाह को उपहार है।’’ 

भारत के चुनावी इतिहास में इस तरह की पहली कार्रवाई में चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार बृहस्पतिवार को रात 10 बजे समाप्त करने का आदेश दिया है। निर्धारित समयानुसार प्रचार एक दिन बाद शुक्रवार शाम को समाप्त होना था। आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह फैसला किया है। चुनाव आयोग ने 19 मई को चुनाव के अंतिम चरण के लिए प्रचार को समय से पहले थामने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 को लागू किया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के प्रधान सचिव (गृह) अत्रि भट्टाचार्य और सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को उनके पदों से हटाने का भी आदेश दिया है। इस पर बनर्जी ने कहा कि दोनों अधिकारियों को ‘‘चुनाव आयोग ने नहीं, बल्कि मोदी और अमित शाह ने हटाया है’’। 

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